केदारनाथ उपचुनाव- हरदा हर्डल पार करनी होगी हरक सिंह को

देखें वीडियो, केदारनाथ में भी हरक के सामने हरदा हठ की ऊंची दीवार

पूर्व विधायक मनोज, हरक व कुंवर सजवाण की मजबूत दावेदारी

भाजपाई अनुकृति से हरक की उम्मीदवारी पर पड़ सकता है विपरीत असर

अविकल थपलियाल

देहरादून। केदारनाथ उपचुनाव में टिकट की गोटी बिछा रहे हरक सिंह रावत को सबसे पहले हरदा हर्डल (बाधा) को पार करना होगा।

लोकसभा चुनाव में ओढ़ी लंबी चुप्पी के मंगलौर व बदरीनाथ उपचुनाव में एक्टिव हुए हरक सिंह रावत ने कांग्रेस की केदारनाथ धाम बचाओ प्रतिष्ठा यात्रा में खूब नारेबाजी कर उपचुनाव में अपनी उम्मीदवारी का बिगुल भी फूंका।

इधर, हरक की दावेदारी से कांग्रेस के हरीश गुट में विशेष हलचल देखी जा रही गया। पूर्व सीएम हरीश रावत ने हाल ही में कह भी दिया कि पार्टी को स्वच्छ व ईमानदार छवि के व्यक्ति को पार्टी प्रत्याशी बनाया जाना चाहिए। हरीश ने यह तीर फेंककर ईडी व सीबीआई जांच का सामना कर रहे हरक की राह को अलग मोड़ देने की कोशिश की।

दरअसल, 2016 के कांग्रेस में हुई बगावत के मुख्य सूत्रधार हरक सिंह रावत की की 2022 विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस में वापसी को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत ने अपना वीटो लगा दिया था। लम्बी कवायद व इंतजार के बाद हरक सिंह को काँग्रेसमें एंट्री मिल सकी थी।

2024 में हरिद्वार लोकसभा में हरक सिंह ने जगह जगह कार्यक्रम कर हरीश रावत को चुनौती दे दी थी। कांग्रेस के एक गुट का भी हरक को समर्थन हासिल था। लेकिन हरीश रावत ने यहां भी हरक को रोकने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। हाईकमान को अपने कांग्रेस के पुराने व निष्ठावान सिपाही होने की याद भी दिलाई।

हरीश रावत की राजनीतिक गणित के चलते हरक सिंह रावत को हरिद्वार लोकसभा का टिकट नहीं मिला। हरीश रावत एक बार फिर हरक की राह का मुख्य रोड़ा बने।

अब इस बार भी पूर्व सीएम ने हरक की सक्रियता व कांग्रेस की अंदरूनी गुटीय राजनीति को देखते हुए स्वच्छ छवि के प्रत्याशी का पासा फेंक दिया है।

हरीश रावत पूर्व विधायक मनोज रावत के पक्ष में हैं। हालांकि, पूर्व विधायक मनोज रावत का विरोधी गुट लोकसभा चुनाव में उनके इलाके से कांग्रेस को मिले कम मतों को भी आधार बना नये चेहरे की वकालत कर रहे हैं।

केदारनाथ उपचुनाव में प्रदेश अध्यक्ष करण मेहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, प्रीतम सिंह व गणेश गोदियाल की राय भी अहम रहेगी।

चूंकि, लोकसभा चुनाव में हरक सिंह रावत पार्टी प्रत्याशी गणेश गोदियाल के पक्ष में चुनाव प्रचार करने नहीं आये। लिहाजा, गणेश गोदियाल टिकट की जंग में मनोज रावत व कुंवर सजवाण पर दांव खेल सकते हैं।

केदारनाथ विधानसभा के उपचुनाव में दावेदारी कर रहे हरक सिंह रावत को अपनी बहु अनुकृति गुसाईं के भाजपा में होने का नुकसान उठाना पड़ सकता है। ईडी जांच के बढ़ते दबाव के बीच बहु अनुकृति गुसाईं ऐन लोकसभा चुनाव के समय भाजपा में शामिल हो गयी थी। जबकि लक्ष्मी राणा ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा के पक्ष में वीडियो बयान जारी किया था। लिहाजा, हरक को अनुकृति व लक्ष्मी के राजनीतिक स्टैंड को भी कांग्रेस हाईकमान व जनता के सामने साफ करना होगा।

इधर पार्टी के जिलाध्यक्ष कुंवर सजवाण को पहली बार टिकट देने की मांग भी परवान चढ़ रही है। जबकि कांग्रेस के एक गुट का कहना है कि केदारनाथ में जिताऊ उम्मीदवार पर दांव खेल भाजपा को पटखनी दी जा सकती है। बहरहाल, कांग्रेस के बड़े नेता सम्भावित उम्मीदवारों को लेकर बंटे नजर आ रहे हैं।

बहरहाल, पूर्व सीएम हरीश रावत ने मनोज रावत की पैरोकारी के साथ स्वच्छ व ईमानदार उम्मीदवार का नारा बुलंद कर हरक सिंह रावत की केदारनाथ राह पथरीली तो कर ही दी है..

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