आपदा के खतरों के बीच कुमाली देवी जर्जर मकान छोड़ने को राजी नहीं

अकेली रह रही कुमाली देवी के लिए सुरक्षित स्थान की तलाश

जगमोहन डांगी

पौड़ी। जिले के विकास खंड कल्जीखाल पूर्वी मनियारस्यूं पट्टी के ग्राम गूंड में जर्जर मकान में रहने को मजबूर है 80 साल की निरक्षर विधवा कुमाली देवी। दो जून की रोटी का साधन भी नही है।

कुमाली देवी के पति की दस वर्ष पूर्व स्वर्गवास हो गया था। कोई संतान नहीं है। वृद्धा कुमाली देवी को सतपुली स्थित वृद्ध आश्रम में रहने के लिए अनुरोध किया गया लेकिन वह वहां जाने को राजी नहीं है।

लगातार हो रही अतिवृष्टि में उसका जीर्ण – क्षीण मकान में रहना किसी खतरे से खाली नहीं है। बीते शुक्रवार को मनियारस्यूं पट्टी के कुस्याण गांव में अतिवृष्टि से एक घर की दीवार गिर जाने से मलवे में दबकर एक वृद्ध महिला की मृत्यु हो गयी थी।

जिला प्रशासन को इस घटना से सबक लेकर कुमाली देवी को सुरक्षित स्थान पर विस्थापित करना होगा।

गौरण ग्राम पंचायत प्रधान श्रीमती मुनी देवी का कहना है कि उन्होंने वृद्धा को आधार कार्ड बनवाने के लिए नजदीक सीएससी सेंटर में ले जाने का बहुत बार अनुरोध किया लेकिन वृद्धा अपने घर से बाहर कहीं जाने को राजी नहीं। जिस कारण वृद्ध को सरकारी आवास,राशन आदि सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाने में ग्राम पंचायत असमर्थ है।

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