आयुर्वेद विभाग में चयनित 242 चिकित्साधिकारियों की सूची जारी

देखें, चिकित्साधिकारियों की नियुक्ति सूची

अविकल उत्तराखंड 

अधिसूचना नियुक्ति आदेश

देहरादून।  अधोहस्ताक्षरी को यह कहने का निदेश हुआ है कि उत्तराखण्ड आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाएं विभाग के अन्तर्गत आयुर्वेदिक / यूनानी चिकित्सा अधिकारी के पदों पर उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड की विज्ञप्ति संख्या-उ० चि० से० चि०बो०/परी० (आयु०यू० चिकि०)/08/2020-21/123, दिनांक 11 मार्च, 2022 के सापेक्ष उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के पत्र संख्या- उ०चि० से० चि०बो०/परी० (आयु०यू० चिकि०)/08/2020-21/532, दिनांक 05 जून 2023 के द्वारा चयन के फलस्वरूप की गई संस्तुति के आधार पर राज्यपाल संलग्न सूची में उल्लिखित अभ्यर्थियों को आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्साधिकारी संवर्ग के अन्तर्गत वेतन बैंड-3, 15600-39100 ग्रेड वेतन 5400 (7th Pay Matrix level – 10) में चिकित्साधिकारी (आयुर्वेद)/चिकित्साधिकारी (यूनानी) के पद पर निम्न शर्तों के अधीन अस्थाई रूप से नियुक्त करने की सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हैं.-

(1) सम्बन्धित अभ्यर्थियों द्वारा अपनी योगदान आख्या अपनी तैनाती स्थल पर प्रस्तुत करने से पूर्व निदेशक, आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवायें निदेशालय, उत्तराखण्ड, डांडा लखौण्ड देहरादून में उपस्थित होंगे। निदेशक द्वारा संबंधित चिकित्साधिकारी की योगदान आख्या इस प्रतिबन्ध के साथ स्वीकार की जायेगी कि अभ्यर्थी द्वारा उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के औपबन्धन सम्बंधी वांछित पत्र, बोर्ड में प्रस्तुत कर दिये गये हो तथा औपबन्धन सम्बंधी वांछित प्रपत्र/प्रमाण पत्रों / शैक्षणिक अभिलेखो का सत्यापन निदेशक द्वारा चिकित्साधिकारी की योगदान आख्या प्राप्त करने से पूर्व कर लिया गया हो।

देखें पीडीएफ

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(2) उपरोक्त औपचारिकता पूर्ण करने के बाद इस पत्र के साथ संलग्नक सूची के अनुसार सम्बंधित नवनियुक्त चिकित्साधिकारी को अपने तैनाती स्थान में कार्यभार ग्रहण करना होगा तथा सम्बंधित जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी के माध्यम से कार्यभार ग्रहण करने की सूचना शासन एवं निदेशक, आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवायें, उत्तराखण्ड को प्रेषित करेंगे।

(3) चयनित चिकित्साधिकारियो का चरित्र एवं पूर्ववृत्त सत्यापन निदेशक द्वारा कराया गया है। यदि संबंधित चिकित्साधिकारी का चरित्र एवं पूर्ववृत्त सत्यापन सेवा में नियुक्ति हेतु उपयुक्त नहीं पाया गया है तो उनकी यह नियुक्ति तात्कालिक प्रभाव से निरस्त समझी जायेगी। यदि किसी का चरित्र एवं पूर्ववृत्त सत्यापन प्राप्त नहीं हुआ है तो उक्त से निदेशक आयुर्वेद द्वारा तत्काल सम्बंधित अभ्यर्थी को सूचित कर दिया जायेगा।

(4) चयनित अभ्यर्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण राज्य मेडिकल बोर्ड द्वारा किया गया है। राज्य मेडिकल बोर्ड द्वारा स्वस्थ घोषित किये गये अभ्यर्थियों को ही कार्यभार ग्रहण की अनुमति प्रदान की जायेगी। जिन अभ्यर्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण नहीं हो पाया है वे अभ्यर्थी अपने नियुक्ति पत्र सहित महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण से सम्पर्क कर स्वास्थ्य परीक्षण हेतु उपस्थित होगे। महानिदेशक चिकित्सा एवं परिवार कल्याण द्वारा अभ्यर्थी का स्वास्थ्य प्रमाण पत्र सम्बंधित अधिकारी को उपलब्ध करा दिया जायेगा, किन्तु मेडिकल बोर्ड द्वारा अस्थाई रूप से अयोग्य घोषित किये गये अभ्यर्थियों के प्रकरण अग्रेत्तर स्वास्थ्य परीक्षण हेतु शासन को सन्दर्भित किये जायेंगे।

(5) नवनियुक्त चिकित्साधिकारी को उक्त वेतनमान में वेतन के अतिरिक्त समय-समय पर जारी शासनादेशो के अन्तर्गत अनुमन्य महंगाई भत्ता तथ अन्य भत्ते भी देय होंगे ।

(6) नवनियुक्त चिकित्साधिकारी दिनाँक 28 फरवरी, 2024 तक अपने पद का कार्यभार अवश्य ग्रहण कर लें। यदि वे इस अवधि के भीतर अपनी तैनाती स्थल पर योगदान की सूचना नहीं देते हैं, तो उनका अभ्यर्थन स्वतः समाप्त माना जायेगा।

(7) समस्त अभ्यर्थियों को कार्यभार ग्रहण से पूर्व निम्नवत समस्त प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने होंगे:-

(1) (ii) अभियोजन न चलाये जाने तथा न्यायालय द्वारा दण्डित न किये जाने के सबंध में एक घोषणा-पत्र (संलग्न प्रारूप में)

भारतीय चिकित्सा परिषद, उत्तराखण्ड द्वारा निर्गत स्थायी पंजीकरण की दो प्रतियां

(iii) (iv) ओथ एलीजियन्स (निष्ठा/राजभक्ति) का प्रमाण-पत्र (प्रारूप संलग्न)

गोपनीयता का प्रमाण-पत्र चल तथा अचल सम्पत्ति का प्रमाण-पत्र

(vi) लिखित रूप से एक अन्डरटेकिंग कि यदि चरित्र एवं पूर्ववृत्त के सत्यापन के पश्चात उन्हे सरकारी सेवा के लिये उपयुक्त नहीं पाया जाता है, तो उनकी यह नियुक्ति निरस्त समझी जायेगी, जिसके लिये वे किसी क्षतिपूर्ति के हकदार नहीं होगे।

vii) ( (viii) एक से अधिक जीवित पति/पत्नी न होने का घोषणा-पत्र मेडिकल बोर्ड द्वारा प्रदत्त स्वस्थता प्रमाण-पत्र

(7) चयनित अभ्यर्थियों द्वारा उपलब्ध कराये गये प्रमाण-पत्रों में असत्यता / भिन्नता/प्रतिकूल तथ्य पाये जाने की दशा में अभ्यर्थी का अभ्यर्थन समाप्त कर दिया जायेगा, जिसका सम्पूर्ण उत्तरादायित्व सम्बंधित अभ्यर्थी का स्वयं का होगा।

(8) नियुक्ति स्थान पर कार्यभार ग्रहण हेतु अभ्यर्थी को किसी प्रकार वा यात्रा भत्ता आदि देय नहीं होगा।

उक्त अभ्यर्थियों की ज्येष्ठता उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड से प्राप्त वरिष्ठता क्रम के आधार पर यथावत

पद पर मौलिक रूप से नियुक्त चिकित्साधिकारी को उत्तराखण्ड आयुष (आयुर्वेदिक एवं यूनानी) विभाग समूह रहेगी।

3- ख’ सेवा नियमावली, 2010 के निहित प्राविधानों के अन्तर्गत 02 वर्ष की विहित परिवीक्षा पर रखा जाता है। ‘ 4- निदेशक, आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवायें उत्तराखण्ड द्वारा अभ्यर्थी की योगदान आख्या स्वीकार करने से पूर्व यह देख लिया जाए कि अभ्यर्थी भारतीय चिकित्सा परिषद, उत्तराखण्ड में पंजीकृत है तथा उनके चिकित्सा परिषद में पंजीकरण का प्रमाण-पत्र औपबन्धिक अभ्यर्थियों के सम्बन्ध में उनके प्रमाण-पत्र एवं शैक्षिक योग्यता के प्रमाण-पत्र का मूलरूप से जांच कर, इन प्रमाण-पत्रों की दो-दो प्रतियां स्वयं प्रमाणित कर उत्तराखण्ड शासन एवं औपबन्धन की स्थिति में उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड को उपलब्ध कराये जायेंगे।

इस आदेश के माध्यम से नियुक्त समस्त नवनियुक्त चिकित्साधिकारियो की नियुक्ति मा० उच्च न्यायालय नैनीताल उत्तराखण्ड में लम्बित रिट याचिका संख्या 272/2023, 273/2023, 274/2023, 275/2023 व 299/2023 WPSB में  उच्च न्यायालय द्वारा पारित अन्तिम निर्णय के अधीन रहेंगी। संलग्नक-यथोपरि।

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