पर्वतीय राज्य में पशुपालन ग्रामीणों किसानों की आर्थिकी का मुख्य आधार
अविकल उत्तराखण्ड
देहरादून। पशुपालन विभाग ने लम्पी स्किन डिजीज प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का शुभारम्भ कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने दीप प्रज्जवलित कर किया। मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में पशुपालन ग्रामीणों, किसानों की आर्थिकी का मुख्य आधार है। पशुपालन विभाग ने कोरोना महामारी एवं लम्पी स्किन डिजीज की रोकथाम के लिए उत्कृष्ट कार्य किया ।
पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि उत्तराखंड राज्य का पशुपालन विभाग राज्य की जी.डी.पी. में लगभग 2.95 प्रतिशत का योगदान करता है। उन्होंने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पशुपालन की ग्रामीण आर्थिकी एवं विकास में भूमिका को सदैव महत्त्वपूर्ण रूप से रेखांकित किया है । उन्होंने कहा की प्रदेश का पशुपालन विभाग विभिन्न योजनाओं के माध्यम से निरंतर पशुपालकों की सेवा कर रहा है। जिनमे राष्ट्रीय गोकुल मिशन, राष्ट्रीय डिजिटल लाइवस्टॉक मिशन प्रमुख हैं।
प्रदेश में पहली बार चारा पालिसी बनाई गयी है। प्रदेश की दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखे हुए पशुपालकों कर द्वार पर पशुपालन सम्बन्धी सेवाओं का लाभ पहुंचने के लिए 60 मोबाइल वेटरनरी यूनिट का प्रावधान किया गया है। जो टोल फ्री नंबर 1962 के माध्यम से सेवा उपलब्ध करवा रही हैं। इस अवसर पर डॉ प्रवीण मालिक प्रधान वैज्ञानिक आई सी ए आर ने लम्पी स्किन डिजीज के वैज्ञानिक पहलुओं, कारणों, रोकथाम एवं अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अपनी बात कही। इस अवसर पर पशुपालन निदेशक डॉ प्रेम कुमार ने विभागीय योजनाओं की जानकारी दी ।
कार्यक्रम में निदेशक पशु पालन डॉ प्रेम कुमार, अपर निदेशक कुमाऊं मंडल डॉ कर्नाटक, अपर निदेशक गढ़वाल मंडल डॉ अशोक कुमार, संयुक्त निदेशक डॉ नीरज सिंघल उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ कैलाश उनियाल एवं डॉ आशुतोष जोशी ने किया ।
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