“विकास के नाम पर विनाश नहीं सहेंगे” – जन संगठनों का ऐलान
अविकल उत्तराखंड
हरादून। ऐतिहासिक तिलाड़ी विद्रोह की बरसी, किसान दिवस एवं सीटू (CITU) के स्थापना दिवस के अवसर पर 30 मई को देहरादून के गांधी पार्क में विभिन्न जन संगठन और विपक्षी दल मिलकर “विकास के नाम पर विनाश” के खिलाफ धरना और प्रदर्शन करेंगे।
जन संगठनों का आरोप है कि सरकार लगातार जनविरोधी और पर्यावरण विरोधी परियोजनाएं थोप रही है। विशेष रूप से 6200 करोड़ रुपये की एलिवेटेड रोड परियोजना के तहत हज़ारों परिवारों को उजाड़ने, सैकड़ों पेड़ों को काटने और शहर की आखिरी खुली जगहों को खत्म करने की योजना बनाई जा रही है।
पिछले तीन वर्षों और विशेषकर बीते दो महीनों से विभिन्न क्षेत्रों—जैसे देहरा खास, जाखन, ब्रह्मपुरी, राजीव नगर, अधोईवाला आदि—में जनसभाओं और जुलूसों के माध्यम से लोग विरोध दर्ज करवा रहे हैं। 20 मई को संयुक्त ट्रेड यूनियनों की सचिवालय कूच रैली में भी भारी भागीदारी देखी गई, लेकिन सरकार जनता की मांगों पर चुप्पी साधे हुए है। उल्टा, बिंदाल नदी किनारे बस्तियों को नोटिस जारी कर लोगों को बेदखल किया जा रहा है।
जन संगठनों की मांग है कि:
सरकार अपने वादों को पूरा करे
शहर में यातायात, पर्यावरण और आवास से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता दे
जनविरोधी परियोजनाओं पर खर्च बंद करे और जनहित में फैसले ले
30 मई के विरोध कार्यक्रम में भाग लेने वाले संगठनों में शामिल हैं: चेतना आंदोलन, सीपीएम, उत्तराखंड महिला मंच, सीटू, बस्ती बचाओ आंदोलन, समाजवादी पार्टी, एटक, सर्वोदय मंडल, जनवादी महिला समिति, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी, सीपीआई (मा-ले) सहित अन्य जन संगठन एवं विपक्षी दल।

