विधायक लखपत पर गरम और उमेश पर नरम
500 करोड़ में सरकार गिराने सम्बन्धी वक्तव्य पर स्पीकर रहीं मौन
अविकल थपलियाल
देहरादून। बजट सत्र में स्पीकर ऋतु खंडूड़ी का हेड मास्टरनी का रूप देखने को मिला। विधायक मदन बिष्ट व संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल की जंग के बाद कहा, यह सदन कोई चौराहा नहीं…
बदरीनाथ विधानसभा से पहली बार विधायक चुन कर आये कांग्रेस विधायक लखपत बुटोला पर तो स्पीकर बरस ही पड़ीं। और गुस्से से तमतमाते हुए विधायक लखपत को बैठा दिया।
नतीजतन, दस्तावेज फाड़ते हुए नाराज लखपत ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।
शनिवार को सदन में हुई इस घटना के बाद यह मुद्दा भी मीडिया की सुर्खियां बना हुआ है। लखपत बुटोला ने मंत्री प्रेम के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि अलग उत्तराखंड इसलिए नहीं बनाया था कि हम गाली खाएं। पहाड़ी गाली खायेगा…
इस वक्त स्पीकर ऋतु खण्डूड़ी सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रही है। जनता स्पीकर के लखपत को डांटने वाले अंदाज पर खूब भड़ास निकाल रही है।
अब यह चर्चा भी लोगों की जुबां पर है कि गैरसैंण सत्र में जब निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने बिना तथ्यों के 500 करोड़ में धामी सरकार गिराने का ‘खुलासा’ कर सनसनी मचा दी थी। उस समय स्पीकर ने तत्काल क्यों नहीं टोका विधायक उमेश कुमार को । क्यों नहीं कहा कि सदन में कही गयी बात का सबूत दें। क्यों नहीं कहा कि सदन कोई चौराहा नहीं जो कुछ भी कह दिया।
उस समय स्पीकर चुपचाप सुनती रहीं। और उसके बाद निर्दलीय विधायक से कोई सबूत भी नहीं मांगे। और न ही विधायक के वक्तव्य को सदन की कार्यवाही से बाहर किया। इस मुद्दे ओर आज तक कोई जांच नहीं हुई।
हालांकि, दो पूर्व भाजपा सीएम निशंक व त्रिवेंद्र ने निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के 500 करोड़ में राज्य सरकार गिराने के वक्तव्य की सार्वजनिक आलोचना की थी।

यही नहीं, स्पीकर खण्डूड़ी आज तक निर्दलीय उमेश कुमार की दल बदल से जुड़ी याचिका लर ढाई साल बाद भी कोई फैसला नहीं ले ले रही है। विधायक बनने के बाद अप्रैल 2022 में नए दल बनाने/शामिल होने की घोषणा की थी। इस मुद्दे पर दायर याचिका पर कोई फैसला नहीं लेने पर भी स्पीकर पर बॉबी पंवार ने कई सवाल खड़े किए। जबकि विधानसभा भर्ती घोटाले के मामले में स्पीकर ने लगभग 200 से अधिक तदर्थ कर्मियों को एक झटके में नौकरी से हटा दिया था।
हालिया बजट सत्र में मंत्री प्रेमचंद के आपत्तिजनक बयान के बाद अगर स्पीकर तुरन्त अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए बयान को सदन की कार्यवाही से तुरन्त हटवा देतीं तो बात इतनी नहीं बिगड़ती। और पूरी भाजपा की इतनी छीछालेदर नहीं होती।
बहरहाल, कांग्रेस के विधायक लखपत बुटोला को हड़काने और उमेश कुमार के 500 करोड़ में सरकार गिराने के तथ्यहीन व झूठे बयान पर स्पीकर का अलग अलग रवैये ने अलग बहस को जन्म दे दिया।
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