मेडिकल छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने सीखे स्ट्रेस मैनेजमेंट के टिप्स
हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज जौलीग्रांट में तनाव प्रबंधन पर कार्यशाला आयोजित
अविकल उत्तराखंड
डोईवाला- हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एचआईएमएस) जौलीग्रांट ने एमबीबीएस के छात्र-छात्राओं व फैकल्टी के लिए तनाव प्रबंधन कार्यक्रम शुरू किया है। इसमें तनाव से निपटने के लिए विभिन्न तरीकों के बारे में जानकारी दी गई।
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जौलीग्रांट के मेडिकल कॉलेज एचआईएमएस की और से तनाव प्रबंधन पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। हिमालयन अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. प्रियरंजन अविनाश ने कहा कि तनाव हम सभी को किसी न किसी रूप में प्रभावित करता है। उन्होंने कहा दीर्घकालिक तनाव कई तरह के शारीरिक बिमारियों का कारण बन सकता है। डॉ.प्रियरंजन अविनाश ने सभी को तनाव प्रबंधन की आसान विधियों से अवगत कराया।
एचआईएमएस के प्रिंसिपल डॉ. अशोक देवराड़ी ने कहा कि भविष्य के चिकित्सकों के लिए इस तरह कार्यक्रम बेहद लाभकारी साबित होंगें। चिकित्सकों को अपने रोगियों का प्रभावी ढंग से इलाज करने के लिए पहले खुद को स्वस्थ रखना चाहिए।
हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की वाइस प्रिंसिपल (प्रशासन) डॉ. रेनू धस्माना ने तनाव से निपटने के लिए छात्रों और शिक्षकों को उचित आहार और पर्याप्त आराम की बात कही। उन्होंने सभी फैकल्टी और छात्रों को उन्हें अपने सुझाव साझा करने, प्रतिक्रिया और विचार देने की बात कही।
तनाव होने के शारिरिक दुष्प्रभाव
अत्यधिक थकान, घबराहट, सिरदर्द, अनिद्रा, चिड़चिड़ापन, खराब याददाश्त और एकाग्रता कमी।
ऐसे करें तनाव प्रबंधन
सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं, पर्याप्त नींद, आहार, मैडिटेशन और एक्सरसाइज करें, सकारात्मक सोच वाले लोगों के साथ समय बिताएं, पसंदीदा काम में समय बिताएं, विशेषज्ञ की सलाह लें।
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