उत्तराखण्ड लोकसभा चुनाव-बलूनी, त्रिवेंद्र, सोना, दीप्ति, रेखा और फकीर राम ने दी मौजूदा सांसदों को कड़ी चुनौती
दो पूर्व सीएम की कड़ी अग्निपरीक्षा,तीसरे पूर्व सीएम का होगा पुनर्वास
आज भाजपा संसदीय बोर्ड के पिटारे से निकलेंगे नये प्रत्याशियों के नाम
अविकल थपलियाल
नई दिल्ली/देहरादून। उत्तराखण्ड के अधिकतर मौजूदा सांसदों को टिकट की जंग में कड़ी टक्कर मिल रही है। दिल्ली में बिसात बिछी हुई है। और निशंक, तीरथ, रानी, अजय टम्टा को टिकट के लिए जबदस्त अंदरूनी प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी के अंदरूनी सर्वे के बाद कुछ सांसदों के टिकट कटना तय माना जा रहा है। बुधवार की देर रात तक हुए मंथन के बाद पौड़ी,हरिद्वार,टिहरी व अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ के सांसदों का टिकट खतरे में नजर आ रहा है। जबकि नैनीताल संसदीय सीट पर केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट अन्य के मुकाबले कंफर्ट जोन में बताए जा रहे हैं।
दिल्ली में जारी उच्चस्तरीय कवायद के बीच दो पूर्व सीएम निशंक व तीरथ सिंह रावत को झटका लग सकता है जबकि तीसरे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का तीन साल का वनवास खत्म होने की संभावना भी प्रबल हो गयी है। हालांकि, मौजूदा सांसद अपने सम्पर्कों के जरिये फिसलती बाजी को थामने की पूरी कोशिश में जुटे हुए हैं। भाजपा संसदीय बोर्ड की गुरुवार की रात होने वाली बैठक के बाद प्रदेश के पांचों लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा होने की पूरी उम्मीद है। उम्मीदवारों के चयन में पीएम मोदी की फाइनल रिपोर्ट की विशेष भूमिका रहेगी।
गौरतलब है कि बीते बुधवार की रात दिल्ली में बीएल संतोष,अमित शाह व जेपी नड्डा के साथ सीएम धामी, प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, प्रदेश प्रभारी दुष्यन्त गौतम, संगठन महामंत्री अजेय दावेदारों के नाम पर फाइनल मंथन कर चुके हैं। यूं तो प्रदेश चुनाव समिति ने 55 दावेदारों की सूची दिल्ली भेजी थी। लेकिन अब टिकट की जंग चुनींदा नामों के बीच ही सिमट कर रह गयी है।
पौड़ी लोकसभा सीट
पौड़ी लोकसभा सीट पर मौजूदा सांसद व पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत को निवर्तमान राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी की दावेदारी से कड़ी चुनौती मिल रही है। राज्यसभा के लिए अनिल बलूनी को रिपीट न कर महेंद्र भट्ट को टिकट मिलने के बाद से ही बलूनी के पौडी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की खबरें तैरने लगी थी। इस बीच, पौड़ी में तारामंडल के निर्माण के लिए बलूनी के सांसद निधि से 15 करोड़ व लैंसडौन में डॉप्लर रडार की स्थापना के बाद बलूनी समर्थक विशेष तौर पर सक्रिय हो गए । अगर बलूनी को टिकट मिलता है तो वे पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे।
हरिद्वार लोकसभा सीट
हरिद्वार लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद व पूर्व सीएम निशंक के साथ पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की मजबूत दावेदारी सामने आई है। 2021 में सीएम की कुर्सी से रातों रात हटा दिए गए त्रिवेंद्र को विधानसभा का टिकट नहीं दिया गया था। 2022 विधानसभा चुनाव से पूर्व त्रिवेंद्र का हाईकमान को चुनाव नहीं लड़ने सम्बन्धी एक पत्र भी जारी हुआ था । इसके बाद राज्यसभा के आये दोनों मौकों पर पार्टी हाईकमान ने जून 2022 में कल्पना सैनी और अब महेंद्र भट्ट को टिकट देकर त्रिवेंद्र समर्थकों को निराश कर दिया था। जिस दिन महेंद्र भट्ट के नाम का ऐलान हुआ उसी रात त्रिवेंद्र हाईकमान के बुलावे पर दिल्ली रवाना हो गए थे। हालांकि, बीते कुछ समय से त्रिवेंद्र पौड़ी लोकसभा क्षेत्र में भी सक्रिय नजर आए। लेकिन अब उनकी दावेदारी से हरिद्वार सांसद निशंक को नयी जंग में उलझना पड़ रहा है। अगर भाजपा हाईकमान हरिद्वार में किसी मैदानी नेता पर दांव खेलेगी तो यतीश्वरानंद को लोकसभा चुनाव लड़ाया जा सकता है।
टिहरी लोकसभा सीट
टिहरी की सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह की बढ़ती उम्र को नयी महिला दावेदारों ने चुनौती पेश कर दी है। इस सीट पर 2019 में भी माला राज्य लक्ष्मी शाह का टिकट खतरे में था। लेकिन एक बड़े राजघराने के हस्तक्षेप के बाद आखिरी समय में रानी का टिकट बरकरार रखा । इधर, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण व दीप्ति रावत टिकट की दौड़ में मजबूती से डटी हुई है।
अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ लोकसभा
इस लोकसभा सीट पर भाजपा सांसद अजय टम्टा टिकट बचाने के लिए पूरा जोर लगाए हुए है। यहां धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य का दावा बेहद मजबूत है। लेकिन अगर भाजपा संसदीय बोर्ड टिहरी व पिथौरागढ़-अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर एक ही।महिला को टिकट देता है तो यहां से फकीर राम टम्टा को अजय टम्टा की जगह मैदान में उतारा जा सकता है।
नैनीताल-उधमसिंहनगर लोकसभा सीट
यहां से मौजूदा सांसद व केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट अन्य सांसदों के मुकाबले आरामदायक स्थिति में हैं। इस सीट पर पूर्व मंत्री अरविंद पांडेय व राजेश शुक्ला के नाम भी हैं। लेकिन अजय भट्ट को रिपीट किये जाने की काफी संभावना दिख रही है। सूत्रों के मुताबिक गुरुवार की सांय 7 बजे भाजपा केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक में अंतिम दौर की चर्चा के बाद नामों की घोषणा कर फए जाएगी। मौजूदा सांसद व अन्य दावेदार दिल्ली में अपने अपने सम्पर्क सूत्रों के जरिये टिकट की जंग को रोचक बनाये हुए हैं। गुरुवार की देर रात तक टिकट के पिटारे से नामों की पर्ची बाहर निकलने लगेगी।
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