21 सितम्बर को देहरादून में विशाल जुलूस
देहरादून। देहरादून में प्रस्तावित एलिवेटेड रोड परियोजना के खिलाफ शहर और राज्य के विभिन्न जन संगठन, महिला संगठन, पर्यावरणविद एवं विपक्षी दलों ने आंदोलन का ऐलान किया है। संगठनों का कहना है कि इस परियोजना से हज़ारों लोग बेघर होंगे, प्रदूषण और गर्मी बढ़ेगी तथा रिस्पना और बिंदाल नदियों का विनाश होगा। मसूरी व आसपास के इलाकों में पर्यटन दबाव और वाहनों की भीड़ से समस्याएँ और गंभीर होंगी।
आंदोलनकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार ने नियम-कानून की अनदेखी कर जन सुनवाई आयोजित की, जबकि तीन वर्षों से जनता इसका विरोध कर रही है।
इसी मुद्दे पर 21 सितम्बर को देहरादून में विशाल जुलूस निकाला जाएगा। इस दौरान परियोजना रद्द करने के साथ सार्वजनिक परिवहन को 50% बढ़ाने, महिलाओं, छात्रों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए बस टिकट मुफ्त करने, शहरी रोज़गार गारंटी लागू करने, किफायती आवास उपलब्ध कराने, निजी स्कूलों व मॉल के लिए परिवहन व्यवस्था अनिवार्य करने तथा सिग्नल और चौकों को सुधारने जैसी मांगें उठाई जाएँगी।
आयोजकों ने स्पष्ट किया कि 21 सितम्बर के बाद आंदोलन और तेज़ किया जाएगा और शहर भर में विरोध जारी रहेगा जब तक यह “विनाशकारी और नाजायज़” परियोजना रद्द नहीं होती।
प्रेस वार्ता को चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल, उत्तराखंड महिला मंच की कमला पंत एवं विमला कोहली, सीपीआई के समर भंडारी, सपा के डॉ. एसएन सचान, वरिष्ठ पर्यावरणविद डॉ. रवि चोपड़ा, उत्तराखंड सर्वोदय मंडल के हरबीर सिंह कुशवाहा, मैड के विवेक गुप्ता और इंसानियत मंच के पीएस कक्कड़ ने संबोधित किया।

