आंतरिक सुरक्षा और सोशल मीडिया की चुनौतियां पर संगठित योजना बनायी जाय

आतंकवादियों की भर्ती को सोशल मीडिया के चैट रूम्स का उपयोग गम्भीर खतरा

49वीं अखिल भारतीय पुलिस साइंस कांग्रेस -छठा सत्र

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। 49वीं अखिल भारतीय पुलिस साइंस कांग्रेस के दूसरे दिन के छठे सत्र में आंतरिक सुरक्षा और सोशल मीडिया की चुनौतियां (Internal Security & Social Media Challenges) पर हुई चर्चा में Special Director IB ने कानून एवं शान्ति व्यवस्था प्रभावित करने वाले प्रदर्शनों पर सोशल मीडिया का प्रभाव व पुलिस के लिए चुनौतियों पर प्रस्तुतिकरण दिया।

उन्होंने कहा कि असामाजिक तत्वों द्वारा अलगाववाद को बढ़ावा देने हेतु सोशल मीडिया का प्रयोग किया जाता है। आतंकवादियों की भर्ती हेतु सोशल मीडिया के चैट रूम्स का उपयोग किया जा रहा है। देश की आंतरिक सुरक्षा को प्रभावित करने एवं विदेश ताकतों द्वारा अपने हितों के लिए निर्धारित एजेंडा फैलाने के लिए भी सोशल मीडिया को माध्यम बनाया जा रहा है।

Special Director IB ने इन चुनौतियों से लड़ने के लिए चार मुख्य बिन्दुओं पर फोकस करने पर जोर दिया-
1. सोशल मीडिया के माध्यम से सकारात्मक संदेशों का प्रसारण।
2. पुलिस के स्तर पर Fact Checking युनिट्स की स्थापना।
3. सोशल मीडिया ग्रुपों में सतर्क दृष्टि रखते हुए सक्रिय रहना।
4. सोशल मीडिया पर असामाजिक तत्वों पर Blocking Rule का पालन करना, जिसके लिए आईटी एक्ट प्रावधानों के तहत नोडल अधिकारी की नियुक्ति।

संदीप चौधरी SSP, Cyber Crime Investigation Centre of Excellence, J&K ने CBRN (Chemical, Biological, Radiological, Nuclear) Threat पर अपने विचार रखते हुए इसकी गंभीरता और परिणामों के बारे में जानकारी दी। साथ ही कहा कि इस विषय पर पूर्व से तैयारी करना आवश्यक है। उन्होंने CBRN Threat के विभिन्न आयामों एवं उनसे निपटने के लिए राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय नियमों के बारे में विस्तार से बताया। श्रीकर लामा, Assistant Professor, NFSU, Gandhinagar ने crowd मनोविज्ञान एवं पुलिस को इसे समझने एवं प्रभावी कदम उठाने पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने भीड़ की सामाजिक पहचान, प्रबन्धन में पुलिस की भूमिका, प्रभावी वार्तालाप, सॉफ्ट स्पोकन, भीड़ नेतृत्वकर्ता की पहचान एवं उसको प्रभाव में लेना, भीड़ की सोशल डेमोग्राफी एवं सोशल मीडिया की भूमिका जैसे महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रकाश डाला।

इससे पूर्व पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने समस्त डेलिगेट्स के साथ Police Tech एग्जीबिशन का भ्रमण किया। उन्होंने मेक इन इंडिया योजना के तहत उच्च व स्वदेशी तकनीक से निर्मित स्मार्ट वेपन्स एवं अन्य उपकरणों को पुलिस आधुनिकरण में सम्मिलित करने पर जोर दिया।

Police Tech एग्जीबिशन में फॉरेंसिक साइंस, ड्रोन, रॉबोटिक्स, स्मार्ट वेपन्स, IP कैमरे, Telescope, Wireless, एवं साइबर सुरक्षा से संबंधित उपकरणों के स्टॉल लगाये गये हैं। एग्जीबिशन में उत्तराखण्ड पुलिस की ओर से साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन एवं एसडीआरएफ द्वारा भी स्टॉल लगाये गये हैं।

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