प्रीतम सिंह ने कार्यमंत्रणा समिति से इस्तीफे की चेतावनी दी

देखें, मंत्री प्रेमचंद के बयान के बाद दिवंगत विपिन त्रिपाठी का पुराना वीडियो वॉयरल

प्रीतम ने कहा, मंत्री प्रेम हमेशा लड़ने के मूड में रहते हैं

अविकल थपलियाल

देहरादून। भाजपा मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल के उत्तराखंडियों के बारे में सदन में कहे गए अभद्र बोल के बाद बयानों की बाढ़ आ गयी है। मंत्री प्रेम इलाहाबाद महाकुम्भ की त्रिवेणी में डुबकी लगा रहे हैं। उधर, प्रदेश में मंत्री के खिलाफ जमकर विरोध की आग सुलग रही है।

इस बीच, उत्तराखंड आंदोलन के अग्रणी नेताओं में शुमार उक्रांद के दिवंगत विधायक विपिन त्रिपाठी का भी एक वीडियो वायरल हो रहा है।

इस वीडियो में विपिन त्रिपाठी अपने जुझारू तेवरों के साथ राज्य आंदोलन और सैनिकों के बलिदान को याद करते हुए कहा रहे हैं कि राज्य किसी दल विशेष ने भीख में नहीं दिया। यह राज्य बलिदान से मिला है। इस वीडियो के मौजूदा सन्दर्भ से जोड़कर देखा जा रहा है।

दूसरी ओर,मंत्री प्रेमचन्द के विवादास्पद व अपमानित करने वाले बयान के बाद सदन में जबरदस्त विरोध करने वाले कांग्रेस विधायक लखपत बुटोला के बहिर्गमन पर चुप्पी साधने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अब तलवार लेकर निकल पड़े हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रीतम सिंह ने भी तेवर दिखाते हुए भाजपा को कठघरे में खड़ा किया है।

पूर्व मंत्री,नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने विधानसभा की कार्यमंत्रणा समिति से इस्तीफा देने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि जब तक प्रेमचंद अग्रवाल संसदीय कार्यमंत्री के पद पर रहेंगे, तब तक कार्यमंत्रणा की बैठक में नहीं जाऊंगा, समिति के सदस्य पद से भी इस्तीफा दूंगा।

प्रीतम सिंह का मीडिया को दिया बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रेमचंद अग्रवाल संसदीय कार्यमंत्री के पद पर रहने लायक नहीं हैं। विधानसभा सत्र के दौरान सदन में जिस तरह से उनका व्यवहार रहा है, वह पद के अनुरूप नहीं था। सदन में चर्चा के दौरान हर समय संयम खो देते हैं। भाजपा को प्रेम को संसदीय कार्य मंत्री बनाने से पहले सोचना चाहिए था।

प्रीतम का कहना है कि सदन के साथ कार्यमंत्रणा बैठक में भी उनका स्वभाव पद के अनुरूप नहीं रहता है। हर समय लड़ने के मूड में रहते हैं।

उन्होंने कहा कि गंगा किनारे पूजा अर्चना करने से पाप नहीं धूल जाते हैं। उन्हें गंगा मैया से सद्बुद्धि देने
की कामना करनी चाहिए। राज्यपाल अभिभाषण के दौरान विपक्ष के विधायक सत्र की अवधि बढ़ाने के लिए विरोध कर रहे थे।

संसदीय कार्यमंत्री ने सदन से बाहर जाकर कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट पर सदन में शराब पीकर आने का आरोप लगाया। इससे मामले ने तूल पकड़ा।

बजट सत्र में मंत्री प्रेम के अभद्र बोल के बाद विरोध की आग कम होती नहीं दिखाई दे रही है। भाजपा के रणनीतिकार भी कोई काट तलाश नहीं कर पा रहे हैं। इस विवादास्पद बयान के बाद सोशल मीडिया पर एक अलग तरह की राजनीतिक व सामाजिक जंग चल रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *