प्रसव के बाद रवीना की मौत, अनिश्चितकालीन धरना जारी

देखें वीडियो

अविकल उत्तराखंड

टिहरी। टिहरी जिले में पिलखी पीएचसी में प्रसव के बाद श्रीनगर बेस अस्पताल में हुई रवीना कठैत (22) की मौत ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है।

इस दुखद घटना के बाद स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में लापरवाही के खिलाफ स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए हैं। शनिवार को घनसाली क्षेत्र में पिलखी अस्पताल के बाहर सामाजिक कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों और विभिन्न राजनीतिक-सामाजिक संगठनों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया। धरने का नेतृत्व सामाजिक कार्यकर्ता संदीप आर्य कर रहे हैं।

धरने में लोगों ने अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी, आवश्यक उपकरणों की अनुपलब्धता और प्रसव सेवाओं की लचर व्यवस्था पर चिंता जताई और स्वास्थ्य विभाग से तत्काल ठोस कदम उठाने की मांग की। टिहरी के सीएमओ डॉ श्याम विजय भी धरना स्थल पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार का आश्वासन दिया। स्थानीय लोगों ने सीएमओ के उस बयान पर नाराजगी जताई जिसमें उन्होंने कहा कि अगर रवीना पूरी चिकित्सकीय जानकारी डॉक्टरों को पहले देती, तो शायद आज वह हमारे बीच होती। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि डॉक्टरों का दायित्व मरीज की स्थिति को समझकर समय पर उपचार देना है, न कि जिम्मेदारी मरीज पर डालना।

ग्राम पंचायत सेम बासर की रवीना कठैत गुरुवार सुबह 6 बजे प्रसव पीड़ा के कारण पीएचसी पिलखी पहुंची। सुबह 8 बजे उसने बच्चे को जन्म दिया, लेकिन शाम तक उसकी तबीयत बिगडऩे लगी और सांस लेने में परेशानी होने लगी। डॉक्टरों ने उसे हायर सेंटर श्रीनगर बेस अस्पताल रेफर किया, जहां शुक्रवार को उसकी मृत्यु हो गई। पति कुलदीप कठैत ने आरोप लगाया कि अस्पताल में रात के समय कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था और केवल वार्ड ब्वाय मौजूद थे। उन्होंने कहा कि चिकित्सकीय लापरवाही साफ झलकती है और मामले की जांच की जानी चाहिए। इससे पहले इसी अस्पताल में 6 सितंबर को भी ऐसी ही घटना हुई थी, जिसमें एक महिला की डिलीवरी के बाद 15 सितंबर को मौत हो गई थी।

पहले हुई थी बाइपास हार्ट सर्जरी
डॉ श्याम विजय, सीएमओ, टिहरी ने कहा कि महिला की केस हिस्ट्री से पता चला कि उसे पूर्व में हृदय संबंधी बीमारी थी और बाइपास हार्ट सर्जरी हुई थी। परिजनों ने इसकी जानकारी नहीं दी। प्रसव सामान्य होने के 24 घंटे बाद उसे सांस लेने में कठिनाई हुई। 108 एंबुलेंस सेवा से ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ उसे श्रीनगर रेफर किया गया, जहां दुखद मौत हुई।

धरने की मुख्य मांगें

  • पहाड़ी अस्पतालों में पर्याप्त डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती
  • प्रसव और आपातकालीन सेवाओं के लिए जरूरी उपकरण उपलब्ध कराना
  • दोषियों के खिलाफ त्वरित जांच और कार्रवाई
  • अस्पतालों में 24 घण्टे निगरानी सुनिश्चित करना

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *