RDSS योजना – RT-DAS प्रणाली से रियल टाइम में होगी सबस्टेशनों की निगरानी

अविकल उत्तराखंड 

देहरादून। डिजिटलाइजेशन युग में केन्द्र सरकार के सहयोग एवं राज्य सरकार के प्रयासों से यूपीसीएल द्वारा क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं से विद्युत वितरण तंत्र को और अधिक सुदृढ़ एवं आधुनिक बनाया जा रहा है।

सचिव ऊर्जा मीनाक्षी सुंदरम के निर्देश पर इस आधुनिकीकरण से ऑनलाइन डाटा संकलित करने, विश्लेषण करने तथा तत्काल फैसला लेने व अमल में लाने पर जोर दिया जा रहा है।

उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लि० द्वारा आर०डी०एस०एस० योजना के अन्तर्गत प्रदेश भर में 215 नग उपसंस्थानों पर Real Time Data Acquisition System (RT-DAS) नियंत्रण प्रणाली की स्थापना का कार्य किया जा रहा है। RT-DAS प्रणाली प्रदेश भर के उपसंस्थानों जिनके अन्तर्गत 25 हजार से कम जनसंख्या वाले क्षेत्र आते हैं पर स्थापित किया जायेगा।

वर्तमान तक योजनान्तर्गत प्रदेश भर में कुल 103 उपसंस्थानों पर प्रणाली की स्थापना की जा चुकी है जिनमें मुख्यतः रानीपोखरी, जौलीग्रांट, त्यूनी, लालतप्पड़, सेलाकुई, चिपलघाट, रायवाला एवं चाकीसैण आदि क्षेत्र शामिल हैं तथा शेष उपसंस्थानों पर आगामी माहों में चरणबद्ध तरीके से RT-DAS प्रणाली के स्थापना का कार्य पूर्ण किया जायेगा। साथ ही पूर्व में भी यूपीसीएल द्वारा आईपीडीएस योजना के अन्तर्गत प्रदेश भर के 66 शहरों के 106 उपसंस्थानों पर (RT- DAS) नियंत्रण प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है।

यूपीसीएल प्रबन्ध निदेशक ने बताया कि RT-DAS नियंत्रण प्रणाली के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के पश्चात् सभी उपरांस्थानों की रियल टाइम आधार पर मॉनिटरिंग की जा सकेगी जिससे Planned और Unplanned Outages का पृथ्थकीकरण तथा विद्युत वितरण नेटवर्क की विश्वरानीयत्ता को राटीक रूप रो मापने के लिये SAIPI/SAIDI की गणना भी की जा सकेगी।

इस कार्य से Unplanned Outages का विश्लेषण कर उनकी संख्या तथा विद्युत बाधित समय कम करने में काफी सफलता प्राप्त होगी। RT-DAS के क्रियान्वयन होने से फीलर ट्रीप होने की दशा में तत्काल SMS के माध्यम द्वारा अवर अभियन्ता को सूचना प्राप्त हो जाती है तथा निर्धारित संख्या से अधिक Tripping होने की दशा में सूचना सम्बन्धित उच्चाधिकारी (उपखण्ठ अधिकारी, अधिशासी अभियन्ता एवं अधीक्षण अभियन्ता) को भी प्रेषित की जाती है जिससे सभी स्तरों पर बेहतर ढंग से मॉनिटरिंग होने से बिजली व्यवस्था सुदृढ रहती है।

इसके अलावा उपसंस्थानों में स्थापित ब्रेकर्स की Tripping की संख्या के आधार पर समय से ब्रेकर्स का अनुरक्षण कर आपात स्थिति में विद्युत व्यवधान की सम्भावना से बचा जा सकता है। KI-DAS के माध्यम से एकत्रित सूचना रियल टाइम आधार पर National Power Portal पर प्रेषित करते हुए नोडल एजेंसी (मै० पी०एफ०सी०) को दी जाती है। RT-DAS को कॉल सेण्टर से इन्टीग्रेटेड किया गया है जिसके तहत Customer Service Representative (CSR) को फीडर आउटेज की जानकारी मिलने से उपभोक्ताओं को विद्युत बाधित होने की सटीक जानकारी उपलब्ध कराने में मदद मिलती है।

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