पर्यावरणविद त्रिलोक चंद सोनी को मिला ‘शैलशिल्पी कर्मवीर जयानंद भारतीय सम्मान 2025’
गुमखाल (कोटद्वार)। स्वतंत्रता संग्राम के ऐतिहासिक पौड़ी क्रांति दिवस (6 सितंबर 1932) की 93वीं वर्षगांठ पर शैलशिल्पी विकास संगठन ने गुमखाल स्थित सद्भावना वेडिंग पॉइंट में आठवां शैलशिल्पी पराक्रम दिवस मनाया। यह आयोजन पौड़ी क्रांति के नायक और उत्तराखंड रत्न से सम्मानित कर्मवीर जयानंद भारतीय की स्मृति को समर्पित रहा।
कार्यक्रम का शुभारंभ ब्लॉक प्रमुख बीना राणा, एडवोकेट अवनीश नेगी, पर्यावरणविद डॉ. त्रिलोक चंद सोनी ‘वृक्षमित्र’, साहित्यकार डॉ. अरुण कुशल, एससी-एसटी शिक्षक संघ के प्रांतीय संरक्षक भारत भूषण शाह, भारतीय की पुत्रवधु मनूली देवी और पौत्र नरेंद्र भारतीय ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

इस अवसर पर पर्यावरणविद डॉ. त्रिलोक चंद सोनी को संगठन का सर्वोच्च सम्मान “शैलशिल्पी कर्मवीर जयानंद भारतीय सम्मान 2025” प्रदान किया गया। साथ ही अंकिता भंडारी प्रकरण के विशेष अभियोजक एडवोकेट अवनीश नेगी को भी अंगवस्त्र और मानपत्र देकर सम्मानित किया गया।
संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष विकास कुमार आर्य ने कहा कि जयानंद भारतीय की देशहित में दी गई कुर्बानियों को देखते हुए उनकी जीवनी को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए।

समारोह में द्वारीखाल विकासखंड के दर्जनों गांवों से लोग शामिल हुए। नयार घाटी म्यूजिकल ग्रुप सतपुली ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत कर बलिदानियों को याद किया।
इस दौरान कई जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी अपने विचार रखे। संगठन ने मुख्य अतिथि बीना राणा को मांगपत्र सौंपकर द्वारीखाल ब्लॉक मुख्यालय में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने की मांग रखी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवानिवृत्त खंड विकास अधिकारी विजेंद्र रिंगोड़ी और संचालन विकास कुमार आर्य ने किया। समारोह में डॉ. सतीश प्रकाश, केशीराम निराला, शिवकुमार बिरजा, कुमारी शीतल महिपाल अमोल, रणजीत सिंह, धर्मेंद्र आर्य, जयदेव सिंह मानव, श्रद्धानंद, सेन सिंह, प्रमोद चौधरी, गीता सिंह, जानी मसी, अनुज चौधरी, प्रशांत चौधरी, सुभाष चंद्र, मनोज कुमार, डॉ. मनोज आर्य, चंद्रपाल शाह सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।

