कारगिल वीरों के परिजनों को सेना ने किया सम्मानित, बहा गर्व और भावनाओं का सैलाब
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। भारतीय सेना द्वारा कारगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए देहरादून में विशेष स्मृति सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया। सेना के जवान नायक कृष्ण बहादुर थापा और राइफलमैन नरपाल सिंह के परिजनों के घर पहुँचे और उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

इस भावनात्मक अवसर पर सेना की ओर से एक जनजागरूकता अभियान की भी शुरुआत की गई।
कार्यक्रम में नायब सूबेदार सुधीर चंद्र और उनके साथियों ने सैन्य अनुशासन का परिचय देते हुए 1999 के कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों की बहादुरी को याद किया और उनके परिवारों को सम्मानित किया।
“वो चोटियाँ जहाँ आज तिरंगा लहराता है, वहाँ कभी गोलियों की बौछार थी। लेकिन हमारे वीरों ने दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देकर भारत माता की शान बढ़ाई। कारगिल के अमर बलिदानियों को कोटि-कोटि नमन!”

कार्यक्रम के दौरान जवानों ने कहा—
“हम अपने साथियों को भूले नहीं हैं, न कभी भूलेंगे। यह सिर्फ कर्तव्य नहीं, भावना है कि उनके परिवारों को बताएं — उनका बलिदान व्यर्थ नहीं गया है।”

शहीदों के परिजनों ने भावुक होकर कहा—
“पति, बेटा, भाई खोया है, लेकिन आज महसूस हुआ कि वो अकेले नहीं थे। पूरी भारतीय सेना उनके पीछे खड़ी है।”
आगामी 26वें कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में उत्तराखंड के सभी जिलों में ऐसे ही विशेष कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की जा रही है, जिनमें सेना के वरिष्ठ अधिकारी, पूर्व सैनिक, प्रशासनिक अधिकारी और बड़ी संख्या में नागरिक भाग ले रहे हैं।

यह आयोजन केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि यह संदेश है— देश अपने शहीदों और उनके परिवारों को कभी नहीं भूलता। उनका बलिदान भारत की आत्मा में रचा-बसा है।

