पर्वतीय इलाके में इंटरनेट की समस्या से सैकड़ों ग्रामीण छात्र-छात्राएं प्रवेश लेने से वंचित
अजय रावत /अविकल उत्तराखण्ड
सतपुली। पौड़ी गढ़वाल सांसद सांसद तीरथ सिंह रावत के गांव सीरों के किसान भरत सिंह की जनता इंटर कॉलेज रमाड़डांग में पढ़ने वाली होनहार बेटी आँचल ने 12वीं की परीक्षा में ब्लॉक कल्जीखाल में पहला, जबकि जनपद गढ़वाल में चौथा व प्रदेश में 24वां प्राप्त किया तो लगा ठेठ गांव की यह बेटी आगे की शिक्षा लेकर उज्ज्वल भविष्य के साथ क्षेत्र का नाम भी रोशन करेगी। आँचल नजदीकी राजकीय महाविद्यालय सतपुली में स्नातक कक्षा में प्रवेश लेने की इच्छुक थी।लेकिन उत्तराखंड की स्टेट यूनिवर्सिटीज़ में प्रवेश के लिए “समर्थ” नामक पोर्टल में नियत समय में ऑनलाइन रेजिस्ट्रेशन न करा पाने के कारण उसके अरमानों पर पानी फिर गया।
आँचल की कहानी सिर्फ एक उदाहरण के तौर पर पेश की गई। ऐसे कई युवा छात्र छात्राएं समर्थ पोर्टल के बन्द होने की वजह से उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश लेने से वंचित हो गए। दरअसल, ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की समस्या, नियत समय पर जानकारी का अभाव होने के कारण छात्र छात्राओं को निकटवर्ती कस्बों की दौड़ लगानी पड़ती है। आँचल के साथ भी यही हुआ, उसे यह सब करने के लिए 30 किमी दूर सतपुली जाना था लेकिन समय पर गरीब परिवार के पास इस हेतु पैसे तक का जुगाड़ भी नहीं हो पाया।
और इसी उधेड़बुन में “समर्थ” पोर्टल में रजिस्ट्रेशन की डेडलाइन गुज़र गयी। नतीज़तन, अब यह होनहार बेटी निराश है। प्रदेश के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में सीरों की आँचल जैसी अनेक आँचल हो सकती हैं। सांसद तीरथ सिंह रावत के साथ प्रदेश के मंत्री उच्च शिक्षा डॉ धन सिंह रावत, विधायक राजकुमार से अपेक्षा है कि वह एक होनहार बेटी के भविष्य को बचाने के लिए अपनी तरफ से सर्वोच्च प्रयास करेंगे।
गौरतलब है कि समर्थ पोर्टल में पहले 25 जून और फिर 2 जुलाई तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने की सुविधा थी। लेकिन पर्वतीय इलाके में इंटरनेट की समस्या की वजह से सैकड़ों स्टूडेंट्स प्रवेश से वंचित हो गए। स्टूडेंट्स के भविष्य की खातिर समर्थ पोर्टल पुनः ओपन किया जा सकता है, जिससे समाज के अंतिम पायदान पर बैठे लोगों को भी समान अवसर मिल सके।
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