न्यायिक सेवा के अधिकारी हैं दानिश
2019 से सचिव के पद पर नियमित नियुक्ति नहीं हो पाई
उप सचिव शोध मुकेश सिंघल को नियम विरुद्ध बना दिया था सचिव
अविकल उत्तराखंड/देहरादून। हाईकोर्ट की सहमति के बाद सचिव विधायी एवं संसदीय कार्य शहंशाह मुहम्मद दिलबर दानिश को विधानसभा सचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। बुधवार को उन्होंने विधानसभा पहुंच कर सचिव पद का कार्यभार ग्रहण किया। 2011 की नियमावली में है कि विधानसभा संवर्ग का अधिकारी यदि सचिव पद की अहर्ता न रखता हो तो न्यायिक सेवा के अधिकारी को विधानसभा सचिव नियुक्त किया जा सकता है। विधानसभा में बैक डोर भर्ती व सीधी भर्ती में हुए गोरखधंधे के बाद जब जांच हुई तो तत्कालीन स्पीकर प्रेम चंद के हाथों उप सचिव शोध से एक साथ तीन प्रमोशन पाने वाले सचिव मुकेश को निलंबित होने के बाद 3 सितंबर 2022 से उप सचिव हेम चंद को विधानसभा प्रभारी सचिव बनाया गया था।
विधानसभा सचिवालय में भर्तियों पर विवाद के बाद स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने पूर्व आईएएस अधिकारी डीके कोटिया की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय विशेषज्ञ कमेटी गठित की। 22 सितंबर को कमेटी ने नियुक्तियों से संबंधित पत्रावलियों की जांच करने के बाद रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी थी। 23 सितंबर को स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने 2016 से 2021 तक के बीच नियुक्त 228 कर्मचारियों को बर्खास्त किया। साथ ही अवैध तरीके सचिव बने मुकेश सिंघल को 32 पदों की सीधी भर्ती की चयन प्रक्रिया और कंपनी को 59 लाख भुगतान करने मामले में निलंबित किया था।
साथ ही हेम पंत को प्रभारी सचिव की जिम्मेदारी की गई थी। गौरतलब है किनिलंबित मुकेश सिंघल के खिलाफ चल रही हैं दो, दो जांच, एक विभागीय, दूसरी विजिलेंस अब न्यायिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी शहंशाह मुहम्मद दिलबर दानिश विधानसभा सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है।
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