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गाँव-गाँव में गूँजा संदेश — “अपना गाँव बसाओ, जीवन बचाओ”
अविकल उत्तराखंड
पौड़ी। “गाँव बसाओ – जीवन बचाओ जन संवाद यात्रा” का पहला दिन उत्साह, संवाद और जनसहयोग से भरपूर रहा। यात्रा की शुरुआत महादेवसैण से हुई और क्रमशः गिंवाली भैट्टी, नाई, मंदिलिया, धस्मानी, कुण्डील, बस्यूर और मँझगाँव गाँवों से होकर आगे बढ़ी।
प्रत्येक गाँव में जनप्रतिनिधियों, युवाओं और ग्रामवासियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया और अपने विचार साझा किए।
यात्रा के दौरान पलायन, सूखते जलस्रोत, घटते कृषि अवसर, वन नीति, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी प्रमुख समस्याओं पर गहन चर्चा हुई। यात्रा दल ने प्रत्येक गाँव में पहुँचकर ग्रामीणों की स्थानीय समस्याएँ सुनीं और उनके सुझाव नोट किए। युवाओं की टीम ने जनगीतों और लोकधुनों से यात्रा को जीवंत बनाया, जबकि नुक्कड़ नाटक दल ने प्रभावशाली प्रस्तुतियों के माध्यम से “गाँव बसाओ – जीवन बचाओ” का संदेश घर-घर तक पहुँचाया।

दिन का भोजन कुण्डील गाँव में किया गया, जहाँ ग्रामवासियों ने आत्मीय आतिथ्य से सभी का मन जीत लिया। रात्रि विश्राम आनंद वर्षा होम स्टे, पाली में हुआ।

पहले ही दिन इस यात्रा ने ग्रामीण समाज में नई ऊर्जा, चेतना और एकजुटता की लहर उत्पन्न की। यह यात्रा केवल एक अभियान नहीं, बल्कि अपने गाँवों और जीवन के पुनर्निर्माण का सामूहिक संकल्प है। मंगलवार को यह यात्रा गड़ोली से प्रारंभ हुई।



