तो सीएम के आदेश पर 700 से अधिक मदरसों की जांच हुई

RTI में खुलासा – 270 मदरसे अपंजीकृत, संदिग्ध गतिविधि नहीं

अविकल उत्तराखंड

काशीपुर। उत्तराखंड में वर्ष 2025 में 700 से अधिक मदरसों की जांच मुख्यमंत्री के आदेश पर कराई गई, लेकिन इस संबंध में कोई भी नियम-प्रावधान उपलब्ध नहीं है। यह तथ्य काशीपुर निवासी अधिवक्ता व आरटीआई कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को सूचना अधिकार के तहत उपलब्ध कराई गई जानकारी से सामने आया है।

नदीम उद्दीन ने उत्तराखंड मदरसा बोर्ड, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग और उधमसिंह नगर जिला प्रशासन से मदरसों की जांच व सीलिंग संबंधी नियम और जांच आख्या की जानकारी मांगी थी। सभी विभागों ने जांच संबंधी सूचनाएं दीं, लेकिन किसी ने भी नियम-प्रावधान उपलब्ध नहीं कराए। अपील पर भी अधिकारियों ने माना कि ऐसे किसी नियम की प्रति उनके पास उपलब्ध नहीं है।

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उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री ने 19 दिसंबर 2024 को समाचार पत्र में प्रकाशित ‘‘पंजीकरण के बगैर चल रहे मदरसों की जांच’’ शीर्षक से खबर का संज्ञान लेते हुए शीघ्र जांच कराने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को जांच समिति गठित कर 10 दिन में रिपोर्ट उपलब्ध कराने का आदेश दिया।

8 जिलों की जांच आख्या में कुल 680 मदरसों का सत्यापन किया गया, जिनमें 410 पंजीकृत/मान्यता प्राप्त और 270 अपंजीकृत/अमान्यता प्राप्त पाए गए। किसी भी रिपोर्ट में मदरसों में संदिग्ध या गैरकानूनी गतिविधि का उल्लेख नहीं है।

देहरादून में 93 मदरसों में 57 अपंजीकृत, उधमसिंह नगर में 237 में से 125 अपंजीकृत, हरिद्वार में 328 में से 69 अपंजीकृत, पिथौरागढ़ में 3 में से 2 अपंजीकृत, अल्मोड़ा के सभी 16 अपंजीकृत और टिहरी गढ़वाल में 1 अपंजीकृत मदरसा मिला। वहीं, रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में कोई भी मदरसा संचालित नहीं पाया गया।

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