एसटीएफ ने 5 करोड़ की साइबर निवेश धोखाधड़ी का भंडाफोड़ किया

 साइबर धोखाधडी के सरगना को किया गिरफ्तार

अधिक मुनाफे का लालच देकर पीड़ितों से अलग-अलग खातों में जमा करवाते थे धनराशि

अविकल उत्तराखंड

नैनीताल। एसटीएफ ने पांच करोड़ की साइबर धोखाधड़ी के मामले में एक ठग को गिरफ्तार किया है। जनपद नैनीताल निवासी पीड़ित ने बताया कि माह जुलाई 2024 में उनको एक अज्ञात अभियुक्त ने व्हाटसप के माध्यम से ट्रैडिंग बिजनेस लिंक भेजकर वाट्सअप ग्रुप BARCLAYS SIL (Securities India Limited) में जोड़कर ऑनलाइन ट्रेडिंग शार्ट टर्म में अधिक मुनाफा कमाने का झांसा देकर इन्वेस्ट के नाम पर लाखों रुपये की धोखाधड़ी की । अभियुक्त वाट्सअप ग्रुप में विभिन्न शेयर में इन्वेस्ट करने के नाम पर मुनाफा होने के फर्जी स्क्रीनशॉट भेजा करते थे तथा खुद को अधिक लाभ होने के बात करते थे। जिससे ग्रुप के जुडे पीड़ित इनके झांसे में आकर धनराशि इन्वेस्ट कर देते थे । इन्वेस्ट की गयी धनराशि में मुनाफा दिखाने हेतु यह एक फर्जी लिंक का प्रयोग करते थे जिसमें इनके नाम के बनाये गये फर्जी खातो/डेसबोर्ड में इन्वेस्ट की गयी धनराशि मुनाफा सहित पीड़ित को दिखायी देती थी । जिससे पीड़ित को अधिक मुनाफा होने का भरोसा हो जाता था । पीड़ित को अपने साथ हो रही साईबर धोखाधड़ी का अंदेशा नही हो पाता था। अपराधियों द्वारा धोखाधडी से प्राप्त धनराशि को विभिन्न बैक खातों में प्राप्त कर उक्त धनराशि को अन्य खातों में स्थानान्तरण करते थे ।  साइबर पुलिस द्वारा देश भर में विभिन्न राज्यों से प्राप्त शिकायतों के सम्बन्ध में जानकारी हेतु अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क कर रही है ।

प्रारम्भिक पूछताछ में अभियुक्त ने साईबर अपराध हेतु जिन बैंक खातों का प्रयोग किया गया है उसमें करोड़ों रूपयों का लेनदेन होना प्रकाश में आया है । जाँच में यह भी प्रकाश में आया है कि अभियुक्त के  बैंक खाते के विरुद्ध देश के कई राज्यों में कुल 14 साईबर अपराधों की शिकायतें निम्नवत दर्ज हैं-

गिरफ्तार व्यक्तियों के नाम व पता-  1- बलबीर सिंह नेगी पुत्र हरि सिंह नेगी निवासी ग्राम व पोस्ट नैल, थाना गैरसैण, जनपद चमोली, हाल निवासी- म0न0 68बी रोहिला बिला, अम्बेडकरनगर, बिजवासन, थाना कापसहेडा, साऊथवेस्ट नई दिल्ली

गिरफ्तारी का स्थान- बिजवासन, थाना कापसहेडा, साऊथवेस्ट नई दिल्ली

दिनाँक गिरफ्तारी व समय- 27-08-2024, समय 19.10 ।

बरामदगी- 

1- 01 मोबाइल फोन 

2- 01 आधार कार्ड

3- 01 पैन कार्ड

गिरफ्तारी पुलिस टीम-

1- SHO अरूण कुमार

2- उ0नि0 दिनेश कुमार पंत

3- अपर उपनिरीक्षक सत्येन्द्र गंगोला

4- हे0का0 मनोज कुमार 

5- कानि0 जितेन्द्र कुमार

6- कानि0 मौ0उस्मान

टैक्निकल टीम-

1- कानि0 रवि बोरा

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड नवनीत सिंह ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरों/फर्जी साईट/धनराशि दोगुना करने व टिकट बुक करने वाले अंनजान अवसरो के प्रलोभन में न आयें । साथ ही, सभी से अपील है कि वे फर्जी निवेश ऑफर जैसे You Tube like सब्सक्राइब, टेलीग्राम आधारित निवेश वेबसाइट ऑफर में निवेश न करें व किसी भी अन्जान व्यक्ति के सम्पर्क में न आये अथवा न ही किसी भी अन्जान व्यक्ति से सोशल मीडिया पर दोस्ती न करें। किसी भी अन्जान कॉल आने पर लालच में न आये, अन्जान कॉलर की सत्यता की जांच करे बिना किसी भी प्रकार की सूचना / दस्तावेज न दें ।  किसी भी प्रकार के ऑनलाइन जॉब हेतु एप्लाई कराने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर सर्च न करें । 

आजकल सोशल मीडिया पर तेजी से बढ़ रहे इन्वेस्टमेंट स्कैम्स ने लाखों लोगों को अपना शिकार बनाया है। यह स्कैम्स सस्ती वेबसाइट्स और नकली रिव्यू प्रोग्राम्स के माध्यम से लोगों को पहले छोटे-छोटे इनाम देकर भरोसा जीतते हैं और फिर धीरे-धीरे उन्हें भारी रकम निवेश करने पर मजबूर कर देते हैं । जानिए कैसे: पहले 1000 से 2000 रुपए में सस्ती वेबसाइट्स बनाना । पूरी टीम का मिलकर कुछ लाख इन्वेस्ट करना । पहले कलर पहचानने या ताजमहल कहां स्थित है इस टाइप के सवाल पूछ कर सही जवाब देने पर कुछ 49 रुपए से 150 रूपये तक पर सवाल तक क्रेडिट कर देना और विड्रॉल की पूरी छूट देना । फिर दो तीन सवालों के बाद यू-ट्यूब, गूगल, गूगल मैप व अन्य प्लेटफॉर्म्स पर रिव्यू देना । हर रिव्यू का 50 से 150 रूपये तक क्रेडिट देना और ऐसा 2 से 3 दिन तक करना । कुछ हजार रूपये कमा लेने के बाद ID होल्डर को थोड़ा भरोसा हो जाता है कि बड़ी बड़ी कंपनियां हैं एक रिव्यू का 50 रुपए तो दे ही सकती हैं । फिर पीडित को यहां से शिफ्ट करके crypto / Trading टाइप की दूसरी वेबसाइट पे ले जाना वहां पूरा जहां आपको वीआईपी मेंबरशिप बोलकर एक नए टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ा जाएगा वहां हर मिनट 50 से ज्यादा इन्वेस्ट पेमेंट स्क्रीनशॉट और प्रॉफिट पेमेंट स्क्रीनशॉट ग्रुपों में जुडे अन्य लोग भेज रहे होंगे जो कि सब फेक होते हैं, वहां आपसे crypto / Trading में इन्वेस्ट करने के लिए कहा जाएगा और शुरुवात में यह रकम सिर्फ कुछ हजार रूपये ही होती है । वहां निवेशक को यह लगता है कि इतना तो कमाया ही है थोड़ा एक्स्ट्रा लग जाएगा तो क्या ही चला जाएगा जिसके उपरान्त निवेशक पैसा भेज देते हैं निवेशक को लगभग दो से डेढ़ गुना राशि उसके वॉलेट में मुनाफे के रूप में दर्शायी जाती है । फिर आपसे दूसरा इन्वेस्टमेंट करने के लिए कहा जाता है जहां यह रकम कुछ और ज्यादा होती है, और फिर आपको रिटर्न करने से रोका जाता है और बाकी के 3 टास्क पूरे करने के लिए नियमावली बताई जाती है । फिर आप सोचते हैं कि पिछले 2 दिनों में इन्होंने सब पैसा प्रॉफिट सहित वापस किया है मैं बेवजह शक कर रहा हूं। आप बाकी के 3 टास्क में हजारों रूपये और फिर लाखों रूपये तक इन्वेस्ट करते हैं। इसकी रेंज वहां बैठे 5 से 6 लोग खुद डिसाइड करते हैं ज्यादा ठगी के शिकार लोग 10 लाख रूपये से करोड़ों के बीच में हैं। 

जो लोग लाखों-करोड़ों में इन्वेस्ट करते हैं और फिर उनके हाथ कुछ नहीं लगता तो फिर पुलिस के पास जाते हैं। उनकी खबरें आप अखबारों में पढ़ते हैं। पुलिस उन अकाउंट्स को ट्रेस करती है  जिनसे आपने transaction किए होते हैं। ज्यादातर खाते वे होते हैं जिनका फर्जी फर्म का रजिस्ट्रेशन कर Current Account के रूप में खुलवाये जाते हैं, जिसमें खाताधारक अपने खातों को बेचकर उसका एक्सेस विदेशों में बैठे बडे साईबर अपराधियों को उपलब्ध कराते हैं तथा अपने खाते में प्राप्त धनराशि पर कमीशन प्राप्त करते हैं असली अपराधियों तक पहुँचने के लिये अत्यधिक मेहनत के साथ साथ डिजिटल साक्ष्य भी एकत्रित करने  होते हैं । साईबर अपराधी एक वेबसाइट से 2 से 50 करोड़ तक का स्कैम करते हैं। फिर दूसरी साइट बना लेते हैं और यही पूरा पैटर्न रिपीट करते हैं। अब तक यह फ्रॉड 5000 करोड़ से भी ऊपर पहुंच चुका है। ये सिर्फ एक पैटर्न है ऐसे बीसों पैटर्न हैं और अलग अलग पैटर्न के लिए अलग अलग इन्वेस्टमेंट अमाउंट है । छोटी वेब साइट्स को छोटे इनफ्लूएंसर्स (10k -1L फॉलोवर्स) और बड़ी वेबसाइट और एप को बड़े इन्फ्लूएंसर्स(1L – Millons फॉलोवर्स) से प्रमोट कराया जाता है। आप लोग किसी भी सोशल मीडिया इनफ्लूएंसर की विश्वसनीयता का आकलन उसके फॉलोवर्स की संख्या से कतई ना करें। कहीं भी पैसा कमाने के चक्कर में इन्वेस्ट ना करें व शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । वित्तीय साइबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें।

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