आपदा में नागरिकों को अलर्ट करने की हाईटेक तैयारी
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। जिले में आपातकालीन चेतावनी प्रणाली को अत्याधुनिक बनाया जा रहा है। शनिवार को जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र में 16 किमी व 8 किमी श्रवण क्षमता वाले लांग रेंज इमरजेंसी सायरनों का सफल परीक्षण किया गया।
प्रारंभिक चरण में इन सायरनों को शहर के 15 घनी आबादी वाले क्षेत्रों, विशेष रूप से थानों और चौकियों में स्थापित किया जा रहा है। 6 सायरन 16 किमी और 9 सायरन 8 किमी रेंज के होंगे। सभी सायरनों को संबंधित थानों और जिला कंट्रोल रूम से ट्रिगर किया जा सकेगा।

जिलाधिकारी ने बताया कि सायरनों का उद्देश्य युद्ध, हवाई हमले अथवा किसी अन्य आपात स्थिति में नागरिकों को तुरंत चेतावनी देना और सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए जागरूक करना है। पुराने सायरनों की जगह अब अत्याधुनिक तकनीक वाले सायरन लगाए जा रहे हैं, ताकि आज की जनसंख्या और शहरी विस्तार को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा पुख्ता की जा सके।
रेपिड कम्यूनिकेशन सिस्टम भी जल्द होगा शुरू
दूसरे चरण में ऋषिकेश, विकासनगर, चकराता समेत अन्य प्रमुख क्षेत्रों में भी यह प्रणाली लागू की जाएगी। इसके साथ ही, जिला प्रशासन द्वारा एक आधुनिक रेपिड कम्यूनिकेशन सिस्टम भी विकसित किया जा रहा है, जो आर्मी, पैरा मिलिट्री, एयरपोर्ट, बड़े अस्पतालों और आईएसबीटी जैसे महत्वपूर्ण संस्थानों को एक नेटवर्क में जोड़ेगा। इससे किसी भी आपात स्थिति में सभी एजेंसियों के बीच त्वरित समन्वय स्थापित हो सकेगा।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि सायरनों की स्थापना ऐसे स्थानों पर की जाए जहाँ किसी प्रकार का अवरोध न हो और उनकी ध्वनि अधिकतम क्षेत्र में सुनी जा सके। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली सिविल डिफेंस सिस्टम को और अधिक सुदृढ़ और सक्षम बनाएगी।
उपस्थित अधिकारी
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी के.के. मिश्रा, एसडीएम सदर हरिगिरि, पुलिस क्षेत्राधिकारी अनिल जोशी, आपदा प्रबंधन अधिकारी ऋषभ सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

