पर्यावरण संरक्षण के बजाय खरीद लिए आईफोन व लैपटॉप
मुख्य सचिव से जवाब मांगा
अविकल उत्तराखंड
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार द्वारा आईफोन तथा अन्य वस्तुएं, खरीदने के लिए प्रतिपूरक वनरोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैपा) निधि के कथित दुरुपयोग को लेकर बुधवार को आपत्ति जताई। अदालत ने राज्य के मुख्य सचिव से जवाब मांगा है।
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) को रिपोर्ट के अनुसार, कैपा निधि का कथित रूप से उपयोग आईफोन, लैपटॉप, क्रिज की खरीद और भवनों के नवीनीकरण समेत अस्वीकृत व्ययों के लिए किया गया। कैग रिपोर्ट में 2019 से 2022 तक केंपा निधि के इस्तेमाल की जांच की गई और इसमें कई वित्तीय अनियमितताएं सामने आईं। आईफोन, लैपटॉप, फ्रिज, कुलर और कार्यालय नवीनीकरण की कथित अनधिकृत खरीद के अलावा निधि का कथित तौर पर इस्तेमाल अदालतले मामलों
को लड़ने और व्यक्तिगत खचों के लिए भी किया गया था। पीत 1995 की एक जनहित याचिका, टोएन गोदावनंन मिरुमुलपाद बनाम भारत संघ पर सुनवाई कर रही थी, जो पर्यावरण संरक्षण और बनों के संरक्षण पर आधारित है।
सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य सचिव से मांगा जवाब
न्यायमूर्ति डी आर. गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि निधि का इस्तेमाल हरित आवरण बढ़ाने के लिए किया जाना है। इसका उपयोग गैर-स्वीकृत गतिविधियों के लिए किया जाना और अधिनियम के अनुसार ब्याज को एससीएएफ (राज्य प्रतिपूरक बनरीपण निधि) में जमा न करना गंभीर विषय है। पीठ ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव को इन पहलुओं पर एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा कि 19 मार्च तक संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो मुख्य सचिव को उपस्थित होने को कहा जाएगा।
(साभार एच एच)
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