थराली आपदा: मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ तो मिलेंगे 5-5 लाख

मृतकों के परिजनों को भी आर्थिक मदद

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में थराली आपदा के बाद चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में सरकार पूरी तरह प्रभावितों के साथ खड़ी है।

सीएम ने घोषणा की कि जिन लोगों के भवन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। मृतकों के परिजनों को भी 5 लाख रुपये दिए जाएंगे।
घायलों के इलाज की पूरी व्यवस्था सरकार करेगी और आपदा मानकों के अंतर्गत अनुमन्य सहायता भी जल्द प्रदान की जाएगी।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राहत शिविरों में भोजन, दूध, दवाइयां, बिस्तर और शौचालय जैसी सभी सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था हो। साथ ही राज्य की नदियों में ड्रेजिंग और चैनलाइजेशन कर भविष्य में आपदा से नुकसान रोकने पर भी बल दिया।

सीएम धामी ने कहा कि थराली, धराली और स्यानाचट्टी जैसी आपदाओं में भारी मलबा और बोल्डर आने के कारण नुकसान हुआ है। इसके अध्ययन के लिए वैज्ञानिक संस्थानों की उच्च स्तरीय टीम गठित कराई जाएगी।

मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों की बंद सड़कों को जल्द खोलने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सामरिक दृष्टि से भी इन सड़कों का खुलना आवश्यक है। BRO को इसके लिए राज्य सरकार हर संभव सहयोग देगी।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी संदीप तिवारी और राहत दलों की त्वरित कार्रवाई की सराहना की। आपदा के तुरंत बाद बचाव अभियान शुरू हुआ और बिजली व संचार आपूर्ति कुछ ही घंटों में बहाल कर दी गई।

सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने बताया कि राहत कार्यों के लिए एमआई-17 हेलीकॉप्टर स्टैंडबाय पर है, यूकाडा का हेलीकॉप्टर गौचर में तैनात है और कुलसारी में हेलीपैड सक्रिय किया गया है। एसडीआरएफ ने चेपड़ो में नया हेलीपैड भी बनाया है।

उन्होंने बताया कि इस आपदा में करीब 150 लोग प्रभावित हुए हैं। राहत शिविरों में उनकी व्यवस्था की गई है। हादसे में 20 वर्षीय किशोरी की मौत हुई है और एक व्यक्ति लापता है, जिसकी तलाश जारी है।

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावित क्षेत्रों का आकलन कर 25 अगस्त तक रिपोर्ट शासन को भेजें। मौसम विभाग के ऑरेंज अलर्ट को देखते हुए सभी जिलों को अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया है।

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