कमिश्नर साहब के कंधों पर भारी भरकम व अहम महकमों का भार

कहां दिल्ली.. पौड़ी..दून, कहां नीति और कहां माणा.. पांडे जी ने बल्ल कहां कहां जाणा

गढ़वाल कमिश्नर, दिल्ली रेजिडेंट आयुक्त, सीएम सचिव उद्योग महकमा भी

पौड़ी की नागरिक कल्याण समिति के धरने से उपजे कई सवाल

अविकल थपलियाल

पौड़ी। फुल टाइम कमिश्नर की मांग को लेकर मंडल मुख्यालय पौड़ी में नागरिक मंच के धरने को लेकर कई सवाल उभरने के अलावा पहाड़ में बेहद लोकप्रिय कहावत एक बार फिर लोगों की जुबां पर तैरने लगी है। यह बहुचर्चित कहावत है-कहां नीति और कहां माणा.. एक श्याम सिंह पटवारी ने कहां कहां जाणा।

शनिवार को पौड़ी कमिश्नरी में नागरिकों के प्रदर्शन के बाद मौजूदा मंडलायुक्त विनय शंकर पांडे के कंधों पर उम्मीद से अधिक जिम्मेदारियों का बोझ दिख रहा है। आंदोलित नागरिकों के धरने से यह बात उभर कर सामने आई।

विशाल पौड़ी मंडल के कमिश्नर की जिम्मेदारी के अलावा आईएएस विनय शंकर पांडे के पास दिल्ली के स्थानिक आयुक्त की भी जिम्मेदारी है। गढ़वाल मंडलायुक्त होने की वजह से दूरदराज के आपदा प्रभावित जिले रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी ,चमोली की मॉनिटरिंग के अलावा चकराता के दुर्गम क्षेत्र व दून-हरिद्वार के मैदानी इलाके की जिम्मेदारी अपने आप में काफी कठिन मानी जाती रही है। कमिश्नर को सभी जिलों से जुड़ी विकास योजनाओं के अलावा न्यायिक प्रक्रियाओं में भी विशेष जिम्मेदारी निभानी होती है।

इसके अलावा पौड़ी से तीन सौ किमी दूर दिल्ली में स्थानिक आयुक्त का कार्यभार भी कम चुनौतीपूर्ण नहीं है। राज्य से जुड़े मसलों को केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में ठोस पैरवी एक स्वतंत्र स्थानिक आयुक्त (रेजिडेंट कमिश्नर) ही कर सकते हैं। अन्य राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी ही दिल्ली में स्थानिक आयुक्त की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं। स्थानिक आयुक्त के पास अन्य जिम्मेदारियों का भार होने से राज्य के मुद्दों की दिल्ली में ठोस पैरवी मुमकिन नजर नहीं आती।

वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय शंकर पांडे के पास भौगोलिक विषमताओं में जकड़े पौड़ी गढ़वाल की चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी के अलावा दिल्ली स्थानिक आयुक्त की कुर्सी भी है। कहां चमोली जिले का नीति-माणा और कहां दिल्ली के सत्ता के परकोटे।

कमिश्नर विनय शंकर पांडे

यही नहीं,गढ़वाल व दिल्ली के अलावा आईएएस विनय शंकर पांडे के पास सभी कुर्सियां ऐसी हैं जो रिजल्ट मांगती है। बतौर, मंडलायुक्त व रेजिडेंट कमिश्नर जनता की समस्याएं व राज्य से जुड़ी विकास योजनाओं का समाधान अपने आप में बड़ा काम है।

आईएएस विनय शंकर पांडे को पौड़ी व दिल्ली में बैठने के अलावा सीएम कार्यालय में भी विशेष भूमिका निभानी पड़ती है। सीएम सचिव के तौर पर कई प्रशासनिक फैसलों में उनकी राय भी अहम मुकाम रखती है।

इतने बड़ी जिम्मेदारियों के अलावा आईएएस विनय शंकर पांडे के पास उद्योग जैसे भारी भरकम विभाग भी है। बीते साल निवेशक सम्मेलन में राज्य के पास आये हजारों करोड़ के निवेश प्रस्ताव में उद्योग सचिव पांडे की खास भूमिका रही।

निवेशकों को आमंत्रित करने आईएएस पांडे ने सीएम के साथ देश-विदेश का दौरा भी किया। और विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया।

विनम्र व मृदुभाषी आईएएस विनय शंकर पांडे नीति-माणा -दिल्ली-देहरादून से लेकर देश विदेश तक उत्तराखंड के हित में भाग दौड़ कर रहे हैं। एक साथ बड़ी बड़ी जिम्मेदारियों को वहन करते हुए उनके स्मित चेहरे पर शिकन का कोई अक्स नजर नहीं आता। चेहरा शांत व अधरों पर मुस्कान। लेकिन शिकन तो पौड़ी गढ़वाल के नागरिकों के चेहरे पर नुमायां हो रही है। आन्दोलित नागरिकों की बस यही एक छोटी सी इल्तजा है कि सीएम साहब हमें एक फुल टाइम कमिश्नर दे दो। ताकि हमारी समस्याएं निपटे और विकास की गति बढ़े…

वैसे भी यह बात भी सच ही है बल्ल… कहां नीति… कहां माणा …कहां दिल्ली…कहाँ दून.. एक कमिश्नर पांडे जी ने कहां-कहां जाणा..

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