एसआरएचयू जौलीग्रांट के छात्र-छात्राओं के करियर को मिलेगी नई ऊंचाई, सुकुबा विश्वविद्यालय के साथ मिलकर करेंगे काम

अनुसंधान, नवाचार, संकाय और छात्र विनिमय कार्यक्रम पर हुयी चर्चा

सुकुबा विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों ने एसआरएचयू के विभिन्न विभागों का निरीक्षण किया

अविकल उत्तराखंड

डोईवाला। स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जौलीग्रांट के छात्र-छात्राओं के करियर को नई ऊंचाई मिलेगी। जापान के शीर्ष अनुसंधान विश्वविद्यालयों में शामिल सुकुबा विश्वविद्यालय के एक प्रतिनिधिमंडल ने स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय का औपचारिक दौरा किया। इस दौरान अनुसंधान, नवाचार और शिक्षक एवं छात्र विनिमय कार्यक्रम की संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की गई।

सुकुबा विश्वविद्यालय जापान के अंतर्राष्ट्रीय रणनीति के कार्यकारी अधिकारी डॉ. ओनेदा ओसामु के नेतृत्व मे एक प्रतिनिधिमंडल ने स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना से औपचारिक भेंट की। इस दौरान आयोजित बैठक में चिकित्सा शिक्षा और मरीजों की देखभाल में योग की भूमिका पर चर्चा की गई। डॉ. विजय धस्माना ने बताया की विश्व में अधिकांश लोग साइकोसोमेटिक डिसऑर्डर से जूझ रहे हैं। बदली जीवनशैली के चलते योग को जीवनशैली का हिस्सा बनाना आवश्यक हो गया है। उन्होंने समग्र स्वास्थ्य देखभाल मॉडल के महत्व पर जोर दिया, जो रोगों की रोकथाम और उनके मूल कारणों का समाधान करने पर केंद्रित है। डॉ. ओनेदा ओसामु ने भी योग के महत्व पर सहमति व्यक्त की और भविष्य मे इस क्षेत्र में मिल कर काम करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

एसआरएचयू के कुलपति डॉ. राजेंद्र डोभाल ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत-जापान सहयोग को महत्वपूर्ण बताया। कहा कि दोनों देशों के पास विशेषज्ञता है, जिसका उपयोग वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए किया जा सकता है। भारत के आयुर्वेद और योग के पारंपरिक ज्ञान को जापान की उन्नत तकनीकी क्षमताओं के साथ जोड़कर, हम गैर-संचारी रोगों के प्रसार का मुकाबला करने के लिए नवीन दृष्टिकोण विकसित कर सकते हैं।

महानिदेशक शैक्षणिक विकास डॉ. विजेन्द्र चौहान ने जापानी प्रतिनिधिमंडल को एसआरएचयू की उपलब्धियों से अवगत कराया। एचआईएमएस के प्रिंसिपल डॉ. अशोक कुमार देवराड़ी ने सुकुबा विश्वविद्यालय के सहयोग से स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए सहयोगात्मक पहल की सराहना की।

इस दौरान जापानी प्रतिनिधिमंडल ने विश्वविद्यालय के विभिन्न शैक्षणिक एवं चिकित्सीय इकाईओं का भ्रमण किया। सुकुबा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. ओनेडा ओसामु, डॉ. रणदीप रखवाल व ओहनिशी मिवा ने चिकित्सा में योग के समावेश, अनुसंधान व नवाचार में एसआरएचयू की ओर से किये जा रहे कार्यों की सराहना की। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. मुकेश बिजल्वाण, डॉ. सुनील सैनी, डॉ. रेनू धस्माना, डॉ. प्रकाश केशवया, डॉ.अपूर्व त्रिवेदी सहित विभिन्न कॉलेजों के प्रिसिंपल मौजूद रहे।

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