कैबिनेट के गोल्डन कार्ड निर्णय का परिषद ने किया स्वागत

पांच लाख तक कैशलेस चिकित्सा में कर्मचारियों के हित सुरक्षित रखने की मांग

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तराखण्ड के प्रदेश अध्यक्ष अरूण पांडे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि राज्य मंत्रिमंडल द्वारा गोल्डन कार्डधारियों को कैशलेस चिकित्सा व्यवस्था हाईब्रिड मोड में लागू करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत पांच लाख रुपये तक की सीमा में उपचार बीमा कंपनी द्वारा तथा पांच लाख रुपये से अधिक व्यय वाले उपचार पूर्व की भांति राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा किए जाने का निर्णय लिया गया है। परिषद ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री को इसके लिए धन्यवाद ज्ञापित किया है।

परिषद द्वारा इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित कर अवगत कराया गया है कि गोल्डन कार्ड योजना को लेकर पूर्व में मुख्य सचिव को भी परिषद का पक्ष भेजा जा चुका है। परिषद ने मांग की है कि कैशलेस चिकित्सा सुविधा राज्य के भीतर एवं बाहर पंजीकृत चिकित्सालयों के साथ-साथ बीमा कंपनी के अंतर्गत पंजीकृत चिकित्सालयों में उपलब्ध कराई जाए तथा गोल्डन कार्डधारियों से किसी भी प्रकार की अतिरिक्त धनराशि न ली जाए।

परिषद ने यह भी स्पष्ट किया है कि पांच लाख रुपये से अधिक व्यय वाली चिकित्सा सुविधा पूर्व की भांति कैशलेस रखी जाए और चिकित्सा प्रतिपूर्ति की वर्तमान व्यवस्था भी यथावत बनी रहे। गोल्डन कार्ड के आधार पर ही कैशलेस चिकित्सा की अनुमन्यता सुनिश्चित की जाए। साथ ही यदि बीमा कंपनी के माध्यम से उपचार के दौरान व्यय निर्धारित सीमा से अधिक हो जाता है अथवा किसी अन्य कारण से बाधा उत्पन्न होती है, तो ऐसी स्थिति में कैशलेस चिकित्सा में कोई व्यवधान न हो, इसके लिए प्रभावी व्यवस्था की जाए।

परिषद ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि गोल्डन कार्डधारियों को पांच लाख रुपये तक की कैशलेस चिकित्सा बीमा कंपनियों के माध्यम से कराए जाने के प्रस्ताव में कर्मचारियों की इन सभी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए स्पष्ट और सुरक्षित व्यवस्था लागू की जाए। इस पत्र की प्रतिलिपि स्वास्थ्य मंत्री, मुख्य सचिव तथा अध्यक्ष, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को भी आवश्यक कार्यवाही के लिए प्रेषित की गई है।

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