यूपीसीएल ने आधा दर्जन राज्यों के बिजली शुल्क का आंकड़ा पेश किया
कहा, इन राज्यों से कम है उत्तराखंड में बिजली की दरें
अविकल थपलियाल
देहरादून। प्रदेश में बिजली शुल्क की घोषणा के बाद यूपीसीएल की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि अन्य राज्यों की तुलना में उत्तराखण्ड (2025-26) में लागू विद्युत दरें अभी भी कम है।
यूपीसीएल ने घरेलू, कामर्शियल, कृषि व बड़े/छोटे उद्योगों के अन्य राज्यों से बिजली शुल्क का तुलनात्मक ब्यौरा भी दिया गया है।
उत्तराखंड पावर कारपोरेशन की ओर से जारी बयान में उत्तर प्रदेश,,मध्य प्रदेश, राजस्थान,बिहार,हिमाचल,महाराष्ट्र की विभिन्न श्रेणियों की बिजली दरों का आंकड़ा देते हुए कहा गया कि उत्तराखंड में बिजली की दरें इन राज्यों से कम है।
यह भी दावा किया गया कि वर्ष 2024 में भीषण गर्मी के चलते प्रदेश में सर्वाधिक विद्युत मांग 2863 MW के बावजूद कहीं भी शेड्यूल बिजली कटौती नहीं की गई।
उत्तराखण्ड में टैरिफ वृद्धि :
1. यूपीसीएल द्वारा वर्ष 2025-26 के लिये कुल 12.01 प्रतिशत टैरिफ वृद्धि का प्रस्ताव दिया गया था, जिसके सापेक्ष माननीय आयोग ने मात्र 5.62 प्रतिशत की वृद्धि अनुमोदित की है।
इस टैरिफ वृद्धि में माननीय आयोग द्वारा यूजेवीएनएल तथा पिटकुल को गत वर्षों की अनुमन्य की गयी कुल बकाया धनराशि के सापेक्ष 5.52 प्रतिशत की वृद्धि भी शामिल है। इस प्रकार यूपीसीएल को वर्ष में मात्र 0.10 प्रतिशत की टैरिफ वृद्धि अनुमन्य की गयी है।
2. अन्य राज्यों की तुलना में उत्तराखण्ड (2025-26) में लागू विद्युत दरें अभी भी कम हैः
घरेलू श्रेणी :
उत्तराखण्ड: रु0 6.16 प्रति यूनिट, हिमाचल प्रदेश: रु0 6.33 प्रति यूनिट, मध्य प्रदेश : 6.71 प्रति यूनिट, उत्तर प्रदेश: रु0 6.71 प्रति यूनिट, राजस्थान: रु0 8.42 प्रति यूनिट, बिहार : रु0 8.62 प्रति यूनिट, महाराष्ट्र रु0 9.47 प्रति यूनिट।
वाणिज्यिक श्रेणी : उत्तराखण्ड : रु0 8.87 प्रति यूनिट, मध्य प्रदेश: रु0 9.25 प्रति यूनिट, उत्तर प्रदेश : रु0 9.58 प्रति यूनिट, बिहार रु0 11.16 प्रति यूनिट, राजस्थान रु० 11.30 प्रति यूनिट, महाराष्ट्र : रु0 13.51 प्रति यूनिट।
कृषि
श्रेणी: उत्तराखण्ड: रु0 2.86 प्रति यूनिट, महाराष्ट्र रु0 5.08 प्रति यूनिट, राजस्थान: रु0 5.91 प्रति यूनिट, उत्तर प्रदेश: रु0 6.08 प्रति यूनिट, मध्य प्रदेश: रु0 6.24 प्रति यूनिट, हिमाचल प्रदेश: रु0 7.06 प्रति यूनिट, बिहार रु0 7.57 प्रति यूनिट।
छोटे उद्योग (एल.टी. इण्डस्ट्री
): उत्तराखण्ड रु0 8.23 प्रति यूनिट, उत्तर प्रदेश: रु0 8.89 प्रति
यूनिट, मध्य प्रदेश: रु0 8.98 प्रति यूनिट, राजस्थान: रु0 9.11 प्रति
यूनिट, महाराष्ट्र : रु0 9.64 प्रति यूनिट, बिहार: रु0 16.03 प्रति यूनिट ।
बडे उद्योग (एच.टी. इण्डस्ट्री) :
उत्तराखण्डः रु0 8.24 प्रति यूनिट, राजस्थानः रु0 9.06 प्रति यूनिट, महाराष्ट्रः रु0 10.09 प्रति यूनिट, बिहारः रु0 11.56 प्रति यूनिट ।
3. माननीय आयोग द्वारा कृषि श्रेणी (आर.टी.एस. फिक्स चार्जेज में कोई वृद्धि अनुमन्य नहीं की है। 4 ए) के अलावा अन्य सभी श्रेणी के डिमांड /
4. बीपीएल श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिये मात्र रु0 0.10 प्रति यूनिट की वृद्धि अनुमन्य की है।
यूपीसीएल की मुख्य उपलब्धियां
1. विद्युत मंत्रालय द्वारा जारी डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी रैंकिंग में उत्तराखण्ड राज्य के यूपीसीएल ने विशेष श्रेणी डिस्कॉम में प्रथम स्थान प्राप्त कर देश में दूसरा राज्य का स्थान हासिल किया।
2. उपभोक्ता सेवा रेटिंग में उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन ने हिमालयी राज्यों में मणिपुर के साथ संयुक्त रूप से प्रथम स्थान हासिल किया गया है।
3. यूपीसीएल उत्तराखण्ड राज्य में पी०एम० सूर्यघरः मुफ्त बिजली योजना के क्रियान्वयन हेतु नोडल इकाई के रूप में कार्यरत है तथा इस योजना के अन्तर्गत वर्तमान में प्रदेश भर में कुल 14182 रूफ टॉप सोलर संयंत्र स्थापित किये जा चुके हैं जिनकी क्षमता 50 मेगावाट है।
4. यूपीसीएल को पी०एम० सूर्य घरः मुफ्त बिजली योजना के अन्तर्गत किये गये प्रगतिशील कार्यों पर केन्द्र सरकार द्वारा कुल रू0 9.47 करोड़ के चैक बतौर इन्सेंटिव दिया गया है।
5. पी०एम० जनमन योजना के अन्तर्गतराज्य के बुक्सा तथा राजी जनजातियों के चिन्हित 669 घरों को विद्युतीकृत कर संतृप्त घोषित करने वाला उत्तराखण्ड अग्रणी राज्यों में से रहा है।
6. राष्ट्र की एटीएण्डसी हानियों 16.30 प्रतिशत के सापेक्ष वर्ष 2023-24 में उत्तराखण्ड की एटीएण्डसी हानियां मात्र 14.64 प्रतिशत है, जिन्हें घटाकर वर्ष 2024-25 में 14.55 प्रतिशत पर लाया गया है ।
7. भारत नेट परियोजना के अन्तर्गत 697 पंचायत घरों में शत प्रतिशत विद्युत कनैक्टिविटी की है।
8. पिछले तीन वर्षों से लगातार रिकॉर्ड राजस्व प्राप्ति की गई जिसमें प्रतिवर्ष औसतन 10% से अधिक की वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 में सर्वाधिक राजस्व प्राप्ति क्रमशः रू0 8822 करोड़, रू0 9905 करोड़ एवं रु0 10,610 करोड़ की गई।
9. यूपीसीएल की वर्ष 2023-24 की एटीएण्डसी हानियां 14.64 प्रतिशत रही है जो कि राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। इसके दृष्टिगत हानियों को कम किये जाने हेतु तकनीकी हानियों को कम किये जाने की प्रतिबद्धता के दृष्टिगत 101 नग 33/11 के0वी0 पावर परिवर्तकों पर एच०टी० कैपिसिटर बैंक लगाया जाना प्राविधानित
किया गया है जिससे जहां एक ओर जहाँ वोल्टता में सुधार होगा वहीं दूसरी ओर तकनीकी हानियों में कमी आयेगी।
10. माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के तहत यूपीसीएल द्वारा हिमआच्छादित क्षेत्र के घरेलू श्रेणी के ऐसे सभी विद्युत उपभोक्ता जिनका मासिक विद्युत उपभोग 200 यूनिट तक है तथा अन्य क्षेत्रों के घरेलू श्रेणी के ऐसे उपभोक्ता जिनका अनुबंधित भार 01 कि०वा० तक तथा मासिक विद्युत उपभोग 100 यूनिट तक है, को विद्युत दरों में 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जा रही है।
11. यूपीसीएल द्वारा पावर पर्चेज बिलों का ससमय भुगतान कर इस वर्ष अब तक रू0 31 करोड़ की बचत की गई है। विगत तीन वर्षों में यह बचत रू0 131 करोड़ है।
12.यूपीसीएल द्वारा बेहतर पावर पर्चेज प्रबन्धन करते हुए अब तक रू0 400 करोड़ से अधिक की बचत कर इस का फायदा प्रदेश के सम्मानित उपभोक्ताओं को बिलों में FPPCA (Fuel Power Purchase & Cost Adjustment) के अन्तर्गत समायोजन के माध्यम से प्रदान किया जा चुका है।
13. आर०डी०एस०एस० योजना के अन्तर्गत प्रदेश के 16.49 लाख उपभोक्ता परिसरों में स्मार्ट मीटर लगाया जाना है। स्मार्ट मीटर की स्थापना के लिये पूरे देश में 40 कम्पनियाँ पंजीकृत हैं। उत्तराखण्ड राज्य में गढ़वाल एवं कुमॉयू क्षेत्र में स्मार्ट मीटर स्थापना का कार्य क्रमशः मै० जीनस एवं मै० अडानी कम्पनी को न्यूनतम निविदा दरों के आधार पर दिया गया है।
14. वर्तमान में प्रदेश भर में 268 उपसंस्थानों की मॉनिटरिंग RT-DAS प्रणाली के माध्यम से की जा रही है।
15.ADB वित्त पोषित योजना के कार्यों के अन्तर्गत देहरादून शहर के मुख्य मार्गों की उपरिगामी लाईनों के भूमिगत करने का कार्य किया जा रहा है। योजना के अन्तर्गत कुल 929.55 कि0मी0 (33 KV-कुल 91.55 कि0मी0, 11 KV-कुल 230 कि0मी0, LT-कुल 608 कि0मी0) लाइनों के भूमिगतिकरण का कार्य प्रस्तावित है।
16.आर०डी०एस०एस० योजना के अन्तर्गत वितरण हानियों को कम किये जाने के उद्देश्य से प्रदेश में Loss Reduction के कार्य गतिमान है।
17. राज्य के 90 नग 33/11 के0वी0 उपसंस्थानों में अत्याधुनिक ओटो मेटेड डिमान्ड रिसपोंस सिस्टम (ए०डी०आर०एस०) की स्थापना की जा रही है जिस से ग्रिड से ओवरड्राल की स्थित पर नियंत्रण किया जाना सम्भव हो सकेगा और इससे प्रतिवर्ष करोड़ो रूपये की बचत सम्भव हो सकेगी।
18. अन्य राज्यों की तुलना में उत्तराखण्ड राज्य में विद्युत दरें न्यूनतम स्तर पर हैं।
19. वर्ष 2024 में भीषण गर्मी के चलते प्रदेश में सर्वाधिक विद्युत मांग 2863 MW के बावजूद कहीं भी Schedule Rostering नहीं की गई।
20. यूपीसीएल देहरादून एवं हल्द्वानी स्थित मीटर टैस्ट प्रयोगशाला को NABL सर्टिफिकेट से प्रमाणित किया गया है।
21. यूपीसीएल कारपोरेट ऑफिस एवं टेस्ट प्रयोगशाला को बेहतर गुणवत्ता प्रबन्धन के लिये ISO 9001:2015 सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ है।
22. द इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एकाउन्टेंटस ऑफ इण्डिया द्वारा यूपीसीएल को विद्युत वितरण क्षेत्र में उत्कृष्ट लागत प्रबन्धन के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

