ज्वाल्पा धाम में संस्कृत शिक्षा का आधार गुरुकुल प्रणाली
अविकल उत्तराखंड
ज्वाल्पा धाम, सतपुली। श्री ज्वालपा देवी मंदिर समिति, गढ़वाल द्वारा संचालित श्री ज्वालपा देवी आदर्श संस्कृत महाविद्यालय, ज्वालपा धाम में आचार्य अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए समावर्तंन संस्कार (दीक्षांत समारोह) का आयोजन गुरुकुल परम्परा के आधार पर किया गया।
इसमें ज्वालपा धाम संस्कृत विद्यालय/महाविद्यालय के छात्र और समस्त आचार्य सम्मिलित हुए। सन 2022 में श्री ज्वालपा देवी आदर्श महाविद्यालय, ज्वालपा धाम को केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली से आचार्य स्तर तक साहित्य और व्याकरण विषयों में शिक्षण की मान्यता मिलने के बाद जिन विद्यार्थियों ने आचार्य प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया ऐसे 8 छात्रों की आज अंतिम वर्ष की मौखिक परीक्षा भी थी।
धाम में संस्कृत शिक्षा का आधार गुरुकुल प्रणाली है। इसलिए इन छात्रों का समावर्तन समारोह उसी अनुसार आयोजित किया गया।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए आरंभ में महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. ममता मेहरा और संस्कृत विद्यालय के अध्यापक कालिका प्रसाद डोबरियाल ने दीप प्रज्ज्वलन कर समारोह का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर सेवार्थ प्रस्थान के लिए जाने वाले आचार्यों ने ज्वालपा धाम संस्कृत महाविद्यालय में प्राप्त ज्ञान के लिए अपने सभी प्राध्यापकों के गुणों की सराहना की और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. ममता मेहरा के प्रति विशेष आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारा प्रयास रहेगा कि हम अपने जीवन में हमारी प्राचार्या की प्रतिमूर्ति बनकर सनातन शिक्षा का प्रचार-प्रसार कर इस महाविद्यालय के नाम को विख्यात करेंगे। इसे हम अपनी गुरु दक्षिणा मानेंगे।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्या डॉ. ममता महेरा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि छात्र ही राष्ट्र निर्माता है और सनातन संस्कारों से ही समाज में एक नया आयाम स्थापित किया जा सकता है, इसलिए सभी छात्र कठिन परिश्रम कर उच्च पदों को सुशोभित हों ऐसी शुभकामना है। संस्कृत शिक्षा प्राप्त हर व्यक्ति का निजी जीवन भी अनुकरणीय होना चाहिए।
इस समारोह में मंच संचालन डॉ. सौरभ कंडवाल ने किया।
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