राजीवनगर से नालापानी तक की बस्तियों से होकर गुजरी पदयात्रा
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। रिस्पना-बिंदाल एलिवेटेड रोड के खिलाफ जन जागरूकता पदयात्रा का पहला चरण आज समाप्त हो गया। यह पदयात्रा उत्तराखंड इंसानियत मंच और उत्तराखंड महिला मंच की ओर से आयोजित की गई। पदयात्रा के दूसरे चरण में बिंदाल नदी की बस्तियों में अभियान चलाया जाएगा।
तीसरे दिन की पदयात्रा रायपुर रोड से शुरू हुई। चूना भट्टा, अपर अधोईवाला, नदी रिस्पना बस्ती वार्ड 14 होकर पदयात्री नालापानी रोड पहुंचे। नालापानी बस्ती से वापस नदी के दूसरी तरफ रिस्पना ओल्ड डालनवाला और उससे लगती बस्तियों से होकर तीसरे दिन की पदयात्रा रायपुर रोड पर समाप्त हुई। इससे पहले दूसरे दिन की पदयात्रा संजय कालोनी से शुरू होकर भगत सिंह कालोनी, सूरज बस्ती, नई बस्ती चंदर रोड, एमडीडीए कॉलोनी डालनवाला और नेमी रोड लास्ट की बस्तियों से होकर गुजरी।

इस दौरान कई जगहों पर नुक्कड़ सभाएं भी गई। इस सभाओं में वक्ताओं ने कहा कि प्रस्तावित रिस्पना-बिंदाल एलिवेटेड रोड से लाखों लोग तो बेघर होंगे ही, देहरादून शहर के सामने भी पर्यावरणीय संकट पैदा हो जाएगा। इस परियोजना के निर्माण में कई साल लगेंगे, तब तक पूरे देहरादून में धूल उड़ेगी और लोग कई तरह की बीमारियों के शिकार बनेंगे। उसके बाद एलिवेटेड रोड पर दो गाड़ियां दौड़ेंगी उनसे देहरादून को ट्रैफिक जाम से तो राहत नहीं मिलेगी, लेकिन इस शहर को जहरीला धुआं खूब मिलेगा। नदियों में बाढ़ का खतरा भी बढ़ जाएगा।
इन नुक्कड़ सभाओं में लोगों से अपील की गई कि वे एलिवेटेड रोड के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करें, यदि ऐसा नहीं किया गया तो सरकार कभी भी बुलडोजर से बस्तियों को ढहा देगी। नुक्कड़ सभाओं को मुख्य रूप से विमला कोली, मनीष केडियाल, डॉ. रवि चोपड़ा, कमला पंत, हरिओम पाली, नन्द नन्दन पांडेय, त्रिलोचन भट्ट आदि ने संबोधित किया। बस्तियों के लोगों ने भी अपनी समस्याएं रखी।
पदयात्रा में बिजेन्द्र चौहान, इशहाक मोहम्मद, राहुल चौहान, सुरेन्द्र कुमार, गिरीश कुमार, अशोक कुमार, मोनू, राजेन्द्र सिंह, महेन्दर सिंह और उत्तराखंड महिला मंच और उत्तराखंड इंसानियत मंच से जुड़े लोग मौजूद थे।

