कहीं भारी न पड़ जाय ऋषिकेश निगम को आरक्षित करने का दांव

मास्टर जी से भाजपा-कांग्रेस की सीधी फाइट. बॉबी भी घेरेंगे मंत्री अग्रवाल को

ऋषिकेश में पर्वतीय मतदाता मास्टर जी के पक्ष में हो रहा लामबंद

एक नेता के ‘हठ’ से बिगड़े राजनीतिक समीकरण

अविकल थपलियाल

ऋषिकेश। भाजपा- कांग्रेस के बाहु व धनबल के शोर के बीच मास्टर जी ने अजब खेल कर दिया है। बड़े दलों के उम्मीदवारों की सीधी फाइट मास्टर जी से ही मानी जा रही है। हठ में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की गयी ऋषिकेश नगर निगम की सीट सत्तारूढ़ भाजपा के लिए भारी मुसीबत का सबब बन गयी है।

ऋषिकेश के विधायक व शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सीट को आरक्षित वर्ग के लिए तय करवा दी। लेकिन मास्टर जी के प्रचार स्ट्रोक के आगे कांग्रेस भी संकट में घिरती नजर आ रही है।

कांग्रेस प्रत्याशी दीपक जाटव तो मंच से ही निर्दलीय उम्मीदवार दिनेश उर्फ मास्टर जी को बीड़ी फूंकने वाला बताकर उनके मेयर उम्मीदवारी पर ही सवाल उठा रहे हैं। इससे साफ पता चल रहा है कि दोनों बड़े दल मास्टर जी को अपना प्रमुख प्रतिद्वंद्वी मान कर चल रहे है।

ऋषिकेश नगर निगम को महिला से आरक्षित करने पर भाजपा नेताओं ने बेशक निवर्तमान मेयर अनीता ममगाईं की कुर्सी युक्त राजनीतिक यात्रा को बेशक पल भर के लिए बाधित किया हो । लेकिन इस फैसले ने पर्वतीय मूल के मतदाताओं के एक बड़े हिस्से को भाजपा से अवश्य छिटका दिया है।

हालांकि, ऋषिकेश के मतदाताओं का चरित्र किसी जाति विशेष से बंधकर कभी नहीं रहा। भाजपा नेता प्रेमचंद अग्रवाल लगातार विधानसभा चुनाव यहां से जीत चुके हैं।

इससे पूर्व गैर पहाड़ी मूल के दीप शर्मा व उनसे पहले स्नेहलता शर्मा ऋषिकेश नगर पालिका का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

कांग्रेस प्रत्याशी दीपक जाटव के पक्ष में प्रचार करते हरक सिंह

बीते 2018 के ऋषिकेश नगर निगम चुनाव में भाजपा से अनीता ममगाईं चुनाव जीतीं। लेकिन इस बीच, यह भी चर्चा आम रही कि मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल व मेयर अनीता ममगाईं के रिश्ते बहुत मधुर नहीं रहे। लिहाजा, राजनीति के खेल में ऋषिकेश नगर निगम को एससी वर्ग के लिए आरक्षित कर ममगाईं को चुनावी रेस से बाहर कर दिया गया।

बहरहाल, गंगा किनारे ऋषिकेश नगर निगम में भाजपा ने शंभू पासवान व कांग्रेस ने दीपक जाटव को चुनावी अखाड़े में उतारा। दोनों ही गैर पहाड़ी मूल के हैं। ऋषिकेश के चुनावी इतिहास में सम्भवतः पहली बार पहाड़ी व गैर पहाड़ी का नारा भी बुलंद हो रहा है। निवर्तमान मेयर अनीता ममगाईं के समर्थक भी सीट आरक्षित होने पर भाजपा के ही नेताओं से खासे खफा नजर आ रहे हैं।

इधर, कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर दिनेश उर्फ मास्टर जी ने निर्दलीय ताल ठोक दी। मूलतः देवप्रयाग के निवासी मास्टर जी वोट के साथ चंदे की भी अपील कर रहे हैं।

आरक्षित ऋषिकेश नगर निगम सीट पर मंत्री अग्रवाल की प्रतिष्ठा दांव पर

मास्टर जी की मुख्य नजरें पर्वतीय मूल के 40 प्रतिशत मतदाताओं पर टिकी है। अपने भाषण में मास्टर जी एक उम्मीदवार पर ड्रग, शराब व स्मैक के धंधे में लिप्त होने का आरोप चस्पा कर रहे हैं। इस शोर में उक्रांद प्रत्याशी की आवाज दब सी गयी है।
उधर, मूल निवास व सख्त भू कानून की पैरवी कर रही युवाओं की टीम भी मास्टर जी के पक्ष में उतर गई है। बेरोजगार संगठन के अध्यक्ष बॉबी पंवार भी ऋषिकेश में आने की उम्मीद है। चर्चा है कि बॉबी पंवार पूर्व विस अध्यक्ष व मौजूदा कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल को विधानसभा भर्ती घोटाले पर कड़ा निशाना साधेंगे। विधानसभा में बैकडोर भर्ती पर मंत्री अग्रवाल को कठघरे में खड़ा कर मास्टर जी के पक्ष में माहौल बनाएंगे।

ऋषिकेश में मुकाबला त्रिकोणीय है। 91 हजार मतदाता हैं और 40 वार्ड है। पुरुष मतदाताओं की संख्या 47644 व महिला मतदाता 44045 हैं।

इधर, बिना संगठन और टीम के मास्टर जी का प्रचार दिनों दिन गति पकड़ता दिख रहा है। गैर पहाड़ी मतदाता पहली बार ‘सबक’ सिखाने के मूड में दिख रहा है। गंगा किनारे बह रही धार्मिक स्वर लहरियों के साथ जारी चुनावी शोर ने मतदाताओं के सामने एक नया फ्यूज़न क्रिएट कर दिया है।

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