त्रिवेंद्र नें संसद में पूछा, क्या देश में एक समान राष्ट्रीय पाठ्यक्रम शुरू करेगी सरकार ?
एक राष्ट्र-एक शिक्षा परिषद अथवा एक समान राष्ट्रीय पाठ्यक्रम लागू नहीं करेगी सरकारः चौधरी
अविकल उत्तराखंड
नई दिल्ली। हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र में प्रश्नकाल में सरकार से जानना चाहा कि क्या सरकार पूरे देश में एक राष्ट्र-एक शिक्षा परिषद और एक समान राष्ट्रीय पाठ्यक्रम लागू करने पर विचार कर रही है। साथ ही पूछा कि इस विषय पर इसकी आवश्यकता, व्यवहार्यता और संभावित लाभों का आंकलन करने के लिए क्या कोई सर्वेक्षण, विशेषज्ञ विचार विमर्श, सेमिनार और कार्यशाला आयोजित की गई?
सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह भी सवाल किया कि इस विषय पर क्या कोई अध्ययन रिपोर्ट तैयार की गई और यदि हां तो सर्वेक्षण और चर्चायों के प्रमुख निष्कर्षों का ब्यौरा क्या है।
इस सवाल के लिखित जवाब में शिक्षा राज्यमंत्री जयंत चौधरी ने बताया कि शिक्षा संविधान की समवर्ती सूची का विषय है। जिन स्कूलों का स्वामित्व-वित्त पोषण केंद्र सरकार द्वारा नहीं किया जाता है, उन स्कूलों के प्रबंधन से जुड़े मामलों को संबंधित राज्य सरकार के नियमों और अनुदेशं के अनुसार विनियमित किया जाता है।
इसके अलावा राज्य बोर्डों के तहत स्कूलों के लिए पाठ्यचर्चा और पाठ्य पुस्तकें तैयार करना संबंधित राज्य सरकारों के क्षेत्राधिकार में आता है। इस प्रकार, एक राष्ट्र एक शिक्षा बोर्ड अथवा एक समान राष्ट्रीय पाठ्यचर्चा शुरू करने का सरकार का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री के अनुसार राज्य की जरूरतों और प्राथमिकताओं को स्वीकार करते हुए देश भर में छात्रों की गतिशीलता और शैक्षणिक प्रदर्शन में समानता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत में सभी मान्यता प्राप्त स्कूल बोर्डों के लिए शिक्षा के पांच प्रमुख क्षेत्रों अर्थात प्रशासन, पाठ्यक्रम, मूल्यांकन, बुनियादी ढांचा और समावेशिता में मानकों को सुसंगत बनाने के लिए वर्ष 2023-24 में राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र परख,एनसीईआरटी द्वारा बोर्डों की समानता में एक व्यापक अध्ययन शुरू किया गया था। स्कूल शिक्षा बोर्डों के साथ गहन परामर्श के आधार पर इस कार्य के मुख्य निष्कर्षों और नीतिगत सिफारिशों को एनसीईआरटी के वेबसाइट पर देखा जा सकता है।
उन्होंने बताया कि शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित अखिल भारतीय शिक्षा समागम 2024 और दो जुलाई,25 को आयोजित बोर्डों के पाठ्यक्रम और मूल्यांकन समतुल्यता संबंधी राष्ट्रीय सम्मेलन क दौरान रिपोर्ट के प्रमुख सुझावों पर विचार विमर्श किया गया। जिसमें संघ/ राज्य क्षेत्रों के शिक्षा विभागों, स्कूल बोर्डों और एससीईआरटी के सचिवों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। साथ ही प्रश्नपत्र टेम्पलेटों के मानकीकरण को बढ़ावा देने और मूल्यांकन में श्रेष्ठ कार्य प्रथाओं को अपनाने के लिए राज्य शिक्षा बोर्डों के साथ परख, एनसीईआरटी द्वारा कार्यशालाओं की एक श्रृंखला आयोजित की गई।

