धराली आपदा पर सरकार के दावे झूठे—कांग्रेस

फैक्ट–फाइंडिंग टीम ने उजागर किए जमीनी हालात

चार महीने बाद भी राहत व पुनर्वास ठप

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। धराली आपदा को लेकर राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे दावे जमीनी हकीकत से बिल्कुल विपरीत हैं। यह आरोप उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गणेश गोदियाल और पूर्व अध्यक्ष एवं सीडब्ल्यूसी सदस्य करन माहरा ने संयुक्त प्रेस वार्ता में लगाए।

विगत दिवस कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल दोनों नेताओं के नेतृत्व में धराली पहुँचा। टीम ने मौके पर वास्तविक स्थिति का आकलन किया और पाया कि सरकार के दावे जमीन पर कहीं दिखाई नहीं देते। आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय, राजीव भवन देहरादून में आयोजित प्रेस वार्ता में दोनों नेताओं ने धराली का विस्तृत आँखों देखा हाल साझा किया।

मृतकों के आंकड़ों पर विरोधाभास

गोदियाल ने कहा कि सरकार द्वारा जारी मृतकों और लापता लोगों के आंकड़े बेहद विरोधाभासी हैं—

आपदा प्रबंधन विभाग 67 मृत/गुमशुदा बता रहा है,

दायित्वधारी मंत्री कर्नल अजय कोठियाल 147 लोगों के मलबे में दबे होने का दावा कर चुके हैं,

जबकि अब सरकार की ओर से जारी ताज़ा आंकड़ों में 52 लोगों को मृत/लापता बताया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार इस विरोधाभास को दूर करे और सच्चाई जनता व मीडिया के सामने लाए।

धराली में स्थिति भयावह, पुनर्वास कार्य ठप

कांग्रेस की फैक्ट–फाइंडिंग टीम के अनुसार—
चार महीने बीत जाने के बावजूद धराली में पुनर्वास, पुनर्निर्माण, राहत और विस्थापन से जुड़े किसी भी कार्य में कोई प्रगति नहीं हुई है।

लगभग 250 नाली जमीन पूरी तरह क्षतिग्रस्त है।

112 आवासीय भवन तथा 70 से अधिक होटल/रिसॉर्ट/होमस्टे प्रभावित हुए हैं।

सरकारी मुआवजा सिर्फ चुनिंदा लोगों को मिला है, जबकि बड़ी संख्या में पीड़ितों को अब तक कोई सहायता नहीं।

स्थानीय लोगों की पीड़ा

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार—
कई शव अब भी मलबे में दबे हैं,

राहत और बचाव कार्य लगभग शून्य है,

प्रशासनिक इकाइयाँ मौके से गायब हैं,

पीड़ित अपने खर्च पर मलबा हटाने को मजबूर हैं।

गोदियाल ने बताया कि एक स्थानीय महिला मानसिक तनाव में आत्महत्या करने पर मजबूर हुई। क्षेत्र का बाजार पूरी तरह नष्ट हो चुका है और सेब, राजमा, आलू सहित स्थानीय उत्पादों का विपणन ठप पड़ा है।

कांग्रेस ने उठाए गंभीर सवाल

माहरा और गोदियाल ने पूछा कि—
केदारनाथ आपदा (2013) में कांग्रेस सरकार ने जो “स्व–आंकलन मॉडल” लागू कर मुआवजा दिया था, वही मॉडल धराली में क्यों लागू नहीं किया जा रहा?

कांग्रेस की मांगें

कांग्रेस ने सरकार से निम्न मांगें रखीं—

धराली के लिए विशेष पुनर्वास पैकेज घोषित किया जाए,

न्यूनतम मुआवजा 50 लाख किया जाए,

आवासीय व व्यावसायिक पुनर्वास योजना तुरंत लागू की जाए,

लापता लोगों की खोज के लिए विशेष अभियान चलाया जाए,

शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क व संचार व्यवस्था तत्काल दुरुस्त की जाए,

प्रधानमंत्री द्वारा मुखबा में घोषित योजनाओं की प्रगति सार्वजनिक की जाए।

कांग्रेस ने कहा कि धराली की वास्तविक स्थिति चिंताजनक है और पार्टी हर प्रभावित परिवार के साथ खड़ी है। प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही राज्यपाल से मुलाकात कर विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगा।

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