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विपनेश गौतम की कलम से
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। हमारे शरीर में आंतों (गट) की भूमिका सिर्फ पाचन तक सीमित नहीं है। यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यूनिटी), मानसिक स्वास्थ्य, त्वचा और यहां तक कि हार्मोनल संतुलन को भी प्रभावित करती है। आयुर्वेद के अनुसार,सभी रोगों की जड़ पेट में होती है, और आधुनिक विज्ञान भी इस बात से सहमत है कि गट डिस्बायोसिस (आंतों में असंतुलन) कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। गट (त्रह्वह्ल) पर महत्वपूर्ण किताब लिखने वाले डॉ विलियम डेविस के अनुसार, आपकी आंत आपके शरीर का दूसरा दिमाग है। अगर आप अपने माइक्रोबायोम को ठीक कर लें, तो स्वस्थ रहेंगे। दरअसल हमारे पेट में लाखों-करोड़ों सूक्ष्मजीव (बैक्टीरिया, फंगस, वायरस) रहते हैं, जिन्हें माइक्रोबायोम कहा जाता है। ये न सिर्फ पाचन तंत्र को नियंत्रित करते हैं, बल्कि हमारे मूड, वजन, नींद, इम्यूनिटी और यहां तक कि दिमाग के काम करने के तरीके को भी प्रभावित करते हैं। जन्म के समय शिशु की आंत में प्राकृतिक और स्वस्थ माइक्रोबायोम होता है। लेकिन, जंक फूड, प्रोसेस्ड आहार, एंटीबायोटिक्स, तनाव और नींद की कमी से यह संतुलन बिगड़ता है। जब हानिकारक बैक्टीरिया बढ़ते हैं और अच्छे बैक्टीरिया कम होते हैं, तो यह पेट की समस्याएं, सूजन, मोटापा, डिप्रेशन और ऑटोइम्यून बीमारियों का कारण बनता है। डॉ विलियम डेविस के अनुसार आपका शरीर खुद को ठीक करने की क्षमता रखता है, बस उसे सही माहौल दें।
गट (त्रह्वह्ल) क्या है?
गट (त्रह्वह्ल) यानी पाचन तंत्र, जो मुंह से शुरू होकर गुदा (ड्डठ्ठह्वह्य) तक जाता है। इसमें निम्न अंग शामिल हैं
मुंह : पाचन की शुरुआत यहीं से होती है, कार्बोहाइड्रेट का पाचन यहीं शुरू होता है।
आहार नली : खाने को पेट तक पहुंचाती है।
पेट : यहां भोजन एसिड और एंजाइम्स के साथ मिलकर पचता है।
छोटी आंत : 27-28 फीट लंबी, यहां पोषक तत्व अवशोषित होते हैं।
बड़ी आंत : 9-10 फीट लंबी, यहां पानी अवशोषित होता है और मल बनता है।
गुदा : मल निष्कासन का मार्ग।
गट (त्रह्वह्ल) का महत्व
- 80त्न इम्यूनिटी गट से आती है – यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को नियंत्रित करता है।
- हार्मोन्स का उत्पादन – सेरोटोनिन (खुशी का हार्मोन) का 90त्न गट में बनता है।
- मस्तिष्क से जुड़ाव – वेगस नर्व (ङ्कड्डद्दह्वह्य हृद्गह्म्1द्ग) गट और ब्रेन को जोड़ती है, इसीलिए इसे सेकंड ब्रेन कहते हैं।
- बैक्टीरिया का संतुलन – गट में अच्छे बैक्टीरिया (गट माइक्रोबायोम) होते हैं, जो विटामिन बनाते हैं और पाचन ठीक रखते हैं।
एसआईबीओ (स्ढ्ढक्चह्र) छुपी हुई महामारी
स्ढ्ढक्चह्र (स्द्वड्डद्यद्य ढ्ढठ्ठह्लद्गह्यह्लद्बठ्ठड्डद्य क्चड्डष्ह्लद्गह्म्द्बड्डद्य ह्र1द्गह्म्द्दह्म्श2ह्लद्ध) एक ऐसी स्थिति है जहां छोटी आंत में बैक्टीरिया की संख्या अत्यधिक बढ़ जाती है। इसके लक्क्षण पेट फूलना, गैस, अपच, कब्ज या दस्त, थकान, ब्रेन फॉग, त्वचा की समस्याएं (एक्ने, एक्जिमा) आदि होते हैं। इसके प्रमुख कारणों में गलत खानपान (शुगर, प्रोसेस्ड कार्ब्स), एंटीबायोटिक्स का अत्यधिक उपयोग, तनाव और नींद की कमी आदि शामिल हैं। हमें हाइड्रोजन ब्रेथ टेस्ट से स्ढ्ढक्चह्र की पहचान की जा सकती है। इसके इलाज के लिए हम प्राकृतिक तरीके से प्रोबायोटिक्स, फर्मेंटेड फूड्स, और आहार परिवर्तन करके परिवर्तन ला सकते हैं।
हमारे एसआईबीओ को जो खाद्य पदार्थ सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं उनमें शक्कर (चीनी) सबसे ज्यादा हानिकारक बैक्टीरिया को बढ़ावा देती है। साथ ही प्रोसेस्ड कार्ब्स (व्हाइट ब्रेड, पास्ता व अन्य) फाइबर रहित होते हैं और जो आंतों में सूजन बढ़ाते हैं। आंतों की दीवार को नुकसान पहुंचाता है, उसमें गेहूं (गलूटेन) का आटा शामिल है यह हमारे ळन्ज् में लिकेज पैदा करता है, लीकी गट कहा जाता है।
सुपर गट कैसे बनाएं
- फर्मेंटेड फूड्स (किण्वित आहार)
- घर का बना दही, किमची, अचार, कांजी
- इनमें प्राकृतिक प्रोबायोटिक्स होते हैं जो आंतों को स्वस्थ बनाते हैं।
प्रीबायोटिक्स (अच्छे बैक्टीरिया का भोजन)
- प्याज, लहसुन, हरी सब्जियां, दलिया (यह फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ अच्छे बैक्टीरिया को पनपने में मदद करते हैं)
- हड्डी का शोरबा (कोलेजन और अमीनो एसिड से भरपूर, जो आंतों की मरम्मत करते हैं)
सुपर गट प्रोटोकॉल
- शुगर और प्रोसेस्ड फूड्स को हटाएं
- स्ढ्ढक्चह्र योगर्ट (घर पर बनाया हुआ) खाएं
- फर्मेंटेड सब्जियां (किमची, सॉकरक्राट) शामिल करें। प्रोबायोटिक सप्लीमेंट्स लें
- पानी खूब पिएं और तनाव कम करें।
आंतों का स्वास्थ्य = संपूर्ण स्वास्थ्य
- पाचन समस्याएं दूर होंगी।
- मूड और नींद बेहतर होगी।
- वजन नियंत्रित होगा।
- इम्यूनिटी मजबूत होगी।
गट खराब होने के प्रमुख कारण
गलत आहार का सेवन
हमारी आधुनिक जीवनशैली में प्रोसेस्ड फूड, रिफाइंड शुगर और ग्लूटेन युक्त आहार (जैसे गेहूं की रोटी, मैदा) का अधिक सेवन होता है। ये खाद्य पदार्थ आंतों में सूजन पैदा करते हैं और लीकी गट (रुद्गड्डद्म4 त्रह्वह्ल) की समस्या को जन्म दे सकते हैं, जिसमें आंतों की दीवारें कमजोर होकर विषाक्त पदार्थों को रक्तप्रवाह में छोडऩे लगती हैं।
डाइस्बायोसिस (अच्छे और बुरे बैक्टीरिया का असंतुलन)
हमारी आंतों में लगभग 100 ट्रिलियन बैक्टीरिया रहते हैं, जिनमें से कुछ हमारे लिए फायदेमंद होते हैं और कुछ हानिकारक। जब हम एंटीबायोटिक्स, प्रोसेस्ड फूड या अत्यधिक शुगर का सेवन करते हैं, तो अच्छे बैक्टीरिया की संख्या कम हो जाती है और हानिकारक बैक्टीरिया बढऩे लगते हैं। इससे पाचन तंत्र गड़बड़ा जाता है और कब्ज, गैस, ब्लोटिंग जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
तनाव और गट-ब्रेन कनेक्शन
हमारा मस्तिष्क और आंत सीधे जुड़े हुए हैं (गट-ब्रेन एक्सिस)। जब हम तनाव में होते हैं, तो हमारा शरीर कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) रिलीज करता है, जो पाचन एंजाइम्स को प्रभावित करता है और आंतों की गतिविधि को धीमा कर देता है। इससे एसिडिटी, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (ढ्ढक्चस्) और अन्य पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
पोषण की कमी
आधुनिक आहार में फाइबर, प्रीबायोटिक्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी होती है, जो अच्छे बैक्टीरिया के लिए आवश्यक हैं। फाइबर की कमी से कब्ज होता है और आंतों में मल जमा होने लगता है, जिससे विषाक्त पदार्थ शरीर में फैलते हैं।
दवाओं का अत्यधिक उपयोग
एंटीबायोटिक्स और पेन किलर्स अच्छे बैक्टीरिया को नष्ट कर देते हैं। बार-बार एंटीबायोटिक्स लेने से आंतों का माइक्रोबायोम (बैक्टीरिया का संतुलन) पूरी तरह बिगड़ सकता है।
21 दिन में गट को कैसे रिसेट करें?
इन 5 चीजों को छोड़ें
रेड मीट और डेयरी : दूध में मौजूद कैसीन प्रोटीन इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है और आंतों में म्यूकस बनाता है, जो हानिकारक बैक्टीरिया के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करता है।
प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड : रिफाइंड तेल, चिप्स, बिस्कुट, इंस्टेंट नूडल्स में मौजूद ट्रांस फैट और केमिकल्स आंतों की दीवार को नुकसान पहुंचाते हैं।
रिफाइंड शुगर और आर्टिफिशियल स्वीटनर : ये हानिकारक बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं और इंसुलिन रेजिस्टेंस का कारण बनते हैं।
अल्कोहल : यह आंतों की लाइनिंग को कमजोर करता है और लीकी गट की समस्या पैदा करता है।
बिना जरूरत एंटीबायोटिक्स : डॉक्टर की सलाह के बिना एंटीबायोटिक्स न लें, क्योंकि ये अच्छे बैक्टीरिया को नष्ट कर देते हैं।
इन 5 चीजों को अपनाएं
माइंड-गट कनेक्शन को ठीक करें : तनाव कम करने के लिए ध्यान, योग निद्रा और गहरी सांस लेने के व्यायाम करें।
30 तरह के प्लांट-बेस्ड फूड्स खाएं: विभिन्न सब्जियां, फल, दालें, नट्स और बीज आंतों के बैक्टीरिया को विविधता प्रदान करते हैं।
फाइबर (30-35द्द प्रतिदिन) : हरी पत्तेदार सब्जियां, ओट्स, अलसी, छिलके वाली दालें और फल खाएं।
प्रीबायोटिक्स + प्रोबायोटिक्स
- प्रीबायोटिक्स : प्याज, लहसुन, केला, शतावरी (ये अच्छे बैक्टीरिया का भोजन हैं)।
- प्रोबायोटिक्स : दही, इडली, डोसा, किमची, कांजी (ये अच्छे बैक्टीरिया की संख्या बढ़ाते हैं)।
-ओमेगा-3 फैटी एसिड: : अलसी के बीज, अखरोट, चिया सीड्स और फैटी फिश (सैल्मन) सूजन कम करने में मदद करते हैं।

