सोबन सिंह जीना विवि का मामला
हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 8 दिसम्बर
अविकल उत्तराखंड
नैनीताल। हाईकोर्ट ने सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा के विधि समेत अन्य विभागों में अतिथि शिक्षकों के साक्षात्कार पर रोक लगा दी है।
विधि विभाग समेत विभिन्न विभागों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति हेतु 26 नवंबर 2025 को विज्ञप्ति जारी की थी जिसके लिए 4 एवं 5 दिसंबर को साक्षात्कार की तिथि नियत की गई थी।
चार दिसंबर को कुलसचिव कार्यालय में विधि विभाग हेतु अतिथि शिक्षकों के साक्षात्कार आयोजित किए गए थे । अब उच्च न्यायालय नैनीताल में रोक लगा दी है।

डॉ प्रियंका द्वारा दायर याचिका की उच्च न्यायालय में सुनवाई चल रही है इसी दौरान विधि विभाग में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी कर दिया गया जिस पर डॉ प्रियंका ने उच्च न्यायालय से स्टे लगाने की मांग की।
डॉ प्रियंका ने अपनी दलीलों को न्यायालय के समक्ष रखा जिसे स्वीकार करते हुए 4 दिसंबर को उच्च न्यायालय ने सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में अतिथि शिक्षकों के साक्षात्कार एवं नियुक्तियों पर रोक लगा दी। मामले की सुनवाई के लिए अगली तिथि 8 दिसंबर को तय की गई है।
उल्लेखनीय है कि सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के विधि विभाग में एक दलित छात्रा के शारीरिक मानसिक शोषण के मामले में डॉ प्रियंका की प्रत्यक्ष गवाही के बाद इस सारे विवाद की शुरुआत हुई थी। जिसमें कुलपति द्वारा गठित दो समितियों ने व्यापक जांच के उपरांत विधि विभागाध्यक्ष,एक अतिथि शिक्षक एवं एक रिसर्च स्कॉलर पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की संस्तुति की थी।

किंतु उक्त संस्तुतियों के विपरीत डॉ प्रियंका, जो की छात्रा के शोषण मामले में प्रत्यक्षदर्शी गवाह हैं, का सेवा विस्तार विश्वविद्यालय द्वारा रोक दिया गया।
इसके विरोध में डॉ प्रियंका द्वारा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंदर के समक्ष चल रही है।

