हाईकोर्ट ने शराब स्टोरों का नवीनीकरण निरस्त करने वाली याचिका पर की तल्ख टिप्पणी

आबकारी आयुक्त को अदालत में जमा करने होंगे पांच लाख रुपये

अविकल उत्तराखंड

नैनीताल। हाईकोर्ट ने नगर निगम ऋषिकेश की सीमा के पास शराब के छह डिपार्टमेंटल स्टोरों का नवीनीकरण निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए तल्ख टिप्पणी की। कोर्ट ने आबकारी आयुक्त को एक सप्ताह में अदालत में पांच लाख रुपये जमा कराने का निर्णय दिया। साथ ही नवीनीकरण की प्रक्रिया भी तत्काल शुरू करने का निर्देश दिया।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति नरेंदर व न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ में मंगलवार को याचिकाकर्ता पवन कुमार व अन्य की याचिका पर सुनवाई हुई। याची का कहना था कि आबकारी विभाग ने छह स्टोरों के नवीनीकरण से यह कहते हुए मना कर दिया कि वे पवित्र स्थानों के नजदीक स्थित हैं। साथ ही बताया कि बार, रेस्तरां, रिजॉर्ट व अन्य खुदरा विक्रेताओं के लाइसेंस रिन्यू कर दिए गए पर उनके लाइसेंस नवीनीकृत नहीं किए गए।

इस पर कोर्ट ने कहा कि यह विरोधाभासी है। आबकारी विभाग के अधिवक्ता ने कहा कि निषिद्ध क्षेत्र की सीमा के करीबस्थित होने के आधार पर नवीनीकरण खारिज किया गया है। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि उक्त छह दुकानों को शराब बेचने की अनुमति से क्षेत्र विशेष की पवित्रता प्रभावित होगी, जबकि पूरा राज्य देवभूमि हैं। कोर्ट ने कहा कि आबकारी आयुक्त को एक क्षेत्र को निषिद्ध क्षेत्र घोषित करने का कोई अधिकार नहीं है। मामले में अगली सुनवाई 15 अप्रैल को होगी।

(साभार)

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