पंचायत चुनाव परहाईकोर्ट की रोक से कांग्रेस के आरोपों को मिला आधार

आठ साल में भाजपा नियमावली भी नहीं बना पाई

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में आरक्षण प्रक्रिया में गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस की ओर से लगाए गए आरोपों को हाईकोर्ट द्वारा चुनाव प्रक्रिया पर लगाई गई अंतरिम रोक से बल मिला है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि कांग्रेस लगातार कहती रही है कि सरकार ने आरक्षण प्रक्रिया में अनियमितताएं की हैं और अब न्यायालय की टिप्पणी ने उस पर प्रथमदृष्टया मुहर लगाई है।

धस्माना ने कहा कि 2016 में कांग्रेस सरकार ने पंचायत राज अधिनियम लागू किया था और उसके अनुसार नियमावली बनानी थी, लेकिन 2017 में सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा सरकार ने अब तक आठ वर्षों में तीन मुख्यमंत्री बदल दिए, पर नियमावली अब तक नहीं बना पाई।

उन्होंने पंचायती राज सचिव के उस बयान को हास्यास्पद बताया जिसमें कहा गया कि नियमावली प्रकाशन के लिए भेजी गई है। धस्माना ने तंज कसते हुए कहा कि यह जानना दिलचस्प होगा कि ऐसी कौन सी छपाई मशीन है जहां यह नियमावली आठ साल से छप रही है।

धस्माना ने कहा कि कांग्रेस पंचायत चुनावों के लिए पूरी तरह तैयार है। जिला प्रभारियों ने काम शुरू कर दिया है और जैसे ही कोर्ट का अंतिम निर्णय आएगा, पार्टी प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया प्रारंभ कर देगी।

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