‘हिमालय देश की आत्मा, संस्कृति और प्रकृति की अनमोल धरोहर ‘

पर्यावरणीय संतुलन और सतत पर्यटन की समन्वय नीति पर फोकस

देहरादून। मसूरी रोड स्थित एक होटल में मंगलवार को आयोजित “हिमालय बचाओ अभियान-2025” कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमालय और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वालों को सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2012 में शुरू हुआ हिमालय बचाओ अभियान अब जन-जन का अभियान बन चुका है। हिमालय देश की आत्मा, संस्कृति और प्रकृति की अनमोल धरोहर है, जिसकी नदियां करोड़ों लोगों को जीवनदायी जल और ऊर्जा प्रदान करती हैं। यहां की दुर्लभ वनस्पतियां और जीव-जंतु पर्यावरण की अहम धरोहर हैं।

उन्होंने कहा कि विकास के साथ पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना जरूरी है। राज्य सरकार वन संरक्षण, जल संरक्षण, स्वच्छ ऊर्जा, पौधारोपण और पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से निरंतर प्रयास कर रही है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि हिमालयी क्षेत्र में सतत पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है और प्लास्टिक वेस्ट प्रबंधन के लिए डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम लागू किया गया है, जिससे अब तक 72 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है।

उन्होंने कहा कि हिमालय संरक्षण के लिए और व्यापक प्रयास जरूरी हैं। यहां के लोगों की परंपराएं और पारंपरिक ज्ञान प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करने का मार्ग दिखाते हैं। जब प्रत्येक व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी समझेगा, तभी हिमालय को आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखा जा सकेगा।

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