अल्मोड़ा, बागेश्वर से गढ़वाल मंडल की ओर रवाना हुआ अभियान दल
अविकल उत्तराखंड
अल्मोड़ा। नशा नहीं रोज़गार दो आंदोलन को लेकर जन अभियान में निकले अभियान के संयोजक पीसी तिवारी एवं अभियान की ओर से जगह- जगह जनसंपर्क, गोष्ठियां आयोजित कर कहा कि प्रदेश सरकार गांव गांव तक नशे का प्रचार कर उत्तराखंड की अस्मिता को खोखला कर रही है, जिसके खिलाफ उत्तराखंड की जनता को एकजुट होने की आवश्यकता है।
अभियान के संयोजक पी सी तिवारी के नेतृत्व में अभियान बृहस्पतिवार को अल्मोड़ा से बसोली, ताकुला होते हुए बागेश्वर पहुंचा। जहां जिला बार एसोसिएशन में उत्तराखंड अधिवक्ता महासंघ के तत्वाधान में एक संगोष्ठी का आयोजन हुआ।
लगभग 4 घंटे चली गोष्ठी में मुख्य अतिथि चारु तिवारी ने अपने व्यक्तव में उत्तराखंड में ज़मीनों की स्थिति और भू कानून के नाम पर थमा दिए गए झुनझुने का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि शराब पीने वाला परिवार का दुश्मन है, जो शराब बेचता है वो समाज का दुश्मन है, इन्हें हम पहचानते हैं। हमें उसे पहचानना है जो नशा बिकवाता है। हमें उस राष्ट्र के दुश्मन की पहचान करनी है।
अपने वक्तव्य में विशिष्ट अतिथि पी. सी. तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड की अवधारणा को नष्ट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी मांग यूसीसी नहीं बल्कि, रोज़गार है। उन्होंने कहा कि घास लेने के अधिकार हमसे छिन रहे हैं और हमे नहीं पता कि परिसीमन के बाद हमारे हाल क्या होंगे? उन्होंने कहा कि यहां से यह प्रस्ताव पारित हो कि हर राजनैतिक पार्टी यह गारंटी ले कि कोई भी पार्टी अपने चुनाव प्रचार के दौरान शराब नहीं बांटेगी।
सविता नगरकोटी ने बताया कि युवा नशे का शिकार होकर आत्मघात कर रहा है। उन्होंने हाल में ही हाइस्कूल के छात्र द्वारा की गई आत्महत्या का विस्तार से जिक्र किया। दिलीप सिंह खेतवाल जी द्वारा पीरूल को रोजगार के रूप में अपनाए जाने की पुरजोर वकालत की। इंद्र सिंह परिहार जी ने कहा कि सरकार नशे और खनन से चल रही है।
सामाजिक कार्यकर्ता उमेश जोशी ने कहा कि जनप्रतिनिधि अपनी पार्टियों के गुलाम हैं। हम सब को एक झंडे के नीचे आ आना चाहिए। किशन सिंह मलड़ा ने स्थानीय संशाधनों ( पांगर, पीरूल आदि ) का उपयोग रोजगार में करना चाहिए।
रमेश पर्वतीय जी ने कहा कि हमें, खड़िया पाउडर यहीं बने इसके लिए फैक्ट्री की मांग करनी चाहिए। गोष्ठी में स्थानीय महिला मजदूर मीना ने अपने रोजगार छिनने एवं महिलाओं से रोजगार छीन कर पुरुषों को दिये जाने पर चिंता व्यक्त की।
गोष्ठी की अध्यक्षता एड आनंद सिंह गाड़िया ने की तथा संचालन एड गोविंद सिंह भंडारी ने की। गोष्ठी में एडवोकेट रंजना सिंह, अल्मोड़ा से अभियान में शामिल हीरा देवी, दिनेश उपाध्याय, डा. भीम सिंह मनकोटी , उछास की भावना पांडे , एठानी , एडवोकेट महीप समेत अन्य लोग शामिल रहे।
इसके उपरान्त यह अभियान दल गरुड़ ,बैजनाथ, ग्वालदम होते हुए आगे को रवाना हो गया।
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