वामदल नेताओं और उपपा ने येचुरी को सामाजिक बदलाव का प्रतीक करार दिया
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। उत्तराखण्ड के वाम दल नेताओं व परिवर्तन पार्टी ने माकपा के महासचिव और देश के प्रमुख वामपंथी नेता कॉमरेड सीताराम येचुरी के निधन पर शोक जताया।
वाम नेताओं ने कहा कि देश में मेहनतकशों के संघर्ष और लोकतांत्रिक मूल्यों की लड़ाई के वे अप्रतिम योद्धा थे. छात्र जीवन में आपातकाल के विरुद्ध संघर्ष से लेकर वर्तमान फासीवादी निजाम के खिलाफ संघर्ष तक वे अग्रिम पंक्ति के योद्धा रहे. लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और सांस्कृतिक विविधता जैसे मूल्यों के वे प्रबल पक्षधर थे.
समर भंडारी राष्ट्रीय परिषद सदस्य, भाकपा, राजेंद्र सिंह नेगी राज्य सचिव, माकपा व इन्द्रेश मैखुरी
राज्य सचिव, भाकपा (माले) ने बयान जारी कर कहा कि जीवन भर जनता के पक्ष में खड़े रहने के बाद, जब वे दुनिया से रुखसत हुए हैं तो उनका शरीर भी जनता की बेहतरी के काम आयेगा. मेडिकल शिक्षा और शोध के उद्देश्य के लिए कॉमरेड सीताराम येचुरी का शरीर एम्स को दान किया जा रहा है.
इस देश का वाम- लोकतांत्रिक आंदोलन कॉमरेड सीताराम येचुरी को हमेशा याद रखेगा तथा उस रास्ते पर और मजबूती से आगे बढ़ेगा, जिसके वे आजीवन राही रहे.
उपपा ने जताया शोक
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने माकपा के महासचिव देश के अग्रणी वामपंथी नेता सीता राम येचुरी के आकस्मिक निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा है कि उनके निधन से देश ने मेहनतकशों, मजदूरों, किसानों व आम जनता के लिए निरंतर संघर्ष करने वाले एक मजबूत प्रतिबद्ध साथी को खो दिया है।
उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी सी तिवारी ने कहा कि छात्र जीवन से ही जन आंदोलनों में शामिल रहे येचुरी को आपातकाल का विरोध करते हुए गिरफ्तार किया गया था। बाद में वे तीन बार जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) के अध्यक्ष रहे और भारतीय संसद में राज्यसभा के सांसद के रूप में उन्होंने आम लोगों के दिल में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई।
उपपा ने कहा कि येचुरी के निधन से देश ने आम लोगों के पक्ष में सामाजिक, राजनीतिक बदलाव के एक अनुभवी नेतृत्वकारी साथी को खो दिया है जिसकी कमी लंबे समय तक महसूस की जाएगी। पार्टी ने उन्हें हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि सामाजिक बदलाव के लिए उनके संघर्षों और उनकी प्रतिबद्धता नई पीढ़ी का मार्गदर्शन करती रहेगी।
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