नगर निगम विधेयक पर गठित प्रवर समिति का कार्यकाल एक माह और बढ़ाया

प्रवर समिति का कार्यकाल बढ़ते ही निकाय चुनाव पर छायी धुंध और गहरायी

हार के खौफ से बढ़ाया प्रवर समिति का कार्यकाल,हाईकोर्ट की अवमानना: कांग्रेस

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। प्रवर समिति का कार्यकाल बढ़ने से निकाय चुनाव पर छाई धुंध और गहरा गयी है।
विधानसभाध्यक्ष ने प्रदेश के नगर निकायों में ओबीसी आरक्षण के परीक्षण के बाबत गठित प्रवर समिति का कार्यकाल एक महीना और बढ़ा दिया है।
गुरुवार को विधानसभा के उपसचिव की ओर से कार्यकाल बढ़ाने की अधिसूचना जारी की गई। समिति अब एक महीने बाद अपनी रिपोर्ट स्पीकर को सौंपेगी। दूसरी ओर,कांग्रेस ने कहा कि हार के डर से प्रवर समिति का कार्यकाल बढ़ाया गया है।

गौरतलब है कि गैरसैंण के विधानसभा सत्र में उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1959) (संशोधन) विधेयक, 2024 के ओबीसी आरक्षण पर प्रवर समिति का गठन किया गया था।

संसदीय कार्यमंत्री प्रेम चंद अग्रवाल की अध्यक्षता में पक्ष विपक्ष कर छह विधायक प्रवर समिति के अध्यक्ष बनाये गए थे। समिति की बैठक में 2011 की जनगणना के आधार पर निकाय चुनाव कराने का फैसला भी लिया गया।

सभापति प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि 10 नवंबर को निकाय चुनाव का कार्यक्रम हाईकोर्ट में पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि निकाय से जुड़े ओबीसी आरक्षण का मुद्दा बहुत व्यापक है। लिहाजा स्पीकर से समय बढ़ाने का अनुरोध किया गया था।

इससे पूर्व, निकाय चुनाव पर नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 25 अक्टूबर तक चुनाव कराने का आदेश दिया था। लेकिन नगर निगम विधेयक प्रवर समिति को सौंपने के बाद निकाय चुनाव टलने के आसार बढ़ गए थे। बीते एक साल से नगर निकाय प्रशासकों के हवाले है।

कांग्रेस ने कहा, हार का डर सता रहा भाजपा को

दूसरी ओर, कांग्रेस प्रवक्ता डॉ प्रतिमा सिंह ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार को निगम चुनाव में अपनी हार साफ नजर आ रही है यही वजह है की एक बार फिर से सरकार ने उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1959) (संशोधन) विधेयक, 2024 पर गठित प्रवर समिति के कार्यकाल एक माह के लिए बढ़ा दिया है।

सरकार को निगम द्वारा किए गए विकास कार्यों की स्थित का पूर्णतः आभास है उन्हे पता है की जनता के समक्ष जो रिपोर्ट कार्ड लेकर जाना है उसमे अंक शून्य है और सरकार पूर्णतः विफल है।

प्रवक्ता ने कहा कि उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि 25 अक्टूबर तक निकाय चुनाव संपन्न कराए जाएं । लेकिन सरकार ने आज ये अधिसूचना जारी करके न्यायालय की भी अवमानना करने का कार्य किया है। सरकार भले ही इसकी वजह ओबीसी का आरक्षण बताए परंतु सत्य यही है की मंगलौर और बद्रीनाथ उपचुनाव में करारी हार से भाजपा डरी हुई है उसे जानता के मन का अंदाजा हो गया है, और भाजपा को ये पता है मन की बात सुनते सुनते जनता अब ऊब चुकी है और निगम चुनाव और आने वाले केदारनाथ उपचुनाव में अपने मन की बात करके भाजपा को उसकी असली जगह दिखाने का कार्य करेगी।

अधिसूचना/प्रकीर्ण

इस सचिवालय के अधिसूचना/प्रकीर्ण संख्याः 303/वि0स0/597/ संसदीय/2024, दिनांक 09 सितम्बर, 2024 के कम में एतद्वारा सर्वसधारण की सूचनार्थ अधिसूचित किया जाता है कि उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1959) (संशोधन) विधेयक, 2024 पर गठित प्रवर समिति का कार्यकाल माननीय अध्यक्ष, विधान सभा द्वारा 09 अक्टूबर, 2024 के पश्चात् एक माह तक के लिए बढ़ा दिया है।

आज्ञा से, ह०/-

(हेम चन्द्र पन्त ) उप सचिव (लेखा), कृते सचिव ।

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