बैंक ने लौटाए कागज़ और माफ किया ₹15.50 लाख ऋण
शिकायत के तीन दिन में प्रशासन ने बैंक को सील कर दिलाया इंसाफ
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देश पर डीसीबी बैंक की देहरादून स्थित शाखा को सील कर बैंक को एक विधवा महिला को न्याय देने के लिए बाध्य किया गया।
एक वर्ष से न्याय के लिए भटक रही शिवानी गुप्ता को न सिर्फ उनकी संपत्ति के कागज वापस मिले, बल्कि बैंक ने उनका ₹15.50 लाख का ऋण भी शून्य कर ‘नो ड्यूज सर्टिफिकेट’ उनके घर पहुंचकर सौंपा।
शिवानी गुप्ता, निवासी अमर भारती, चंद्रबनी, ने जनता दर्शन में जिलाधिकारी से शिकायत की थी कि उनके पति स्व. रोहित गुप्ता द्वारा लिए गए बैंक ऋण का बीमा आईसीआई लोम्बार्ड से था, लेकिन पति की 15 मई 2024 को मृत्यु के बाद बैंक और बीमा कंपनी टालमटोल कर रही थीं। किस्तों का दबाव झेल रहीं महिला को बार-बार बैंक से निराशा ही मिली।
जिलाधिकारी के निर्देश पर बैंक प्रबंधक को तलब किया गया। 9 जून को बैंक के विरुद्ध ₹17.05 लाख की वसूली प्रमाण-पत्र (आरसी) जारी करते हुए 16 जून तक राशि जमा करने के निर्देश दिए गए, परंतु बैंक प्रबंधन ने आदेशों की अनदेखी की।
18 जून को एसडीएम कुमकुम की निगरानी में प्रशासनिक टीम ने डीसीबी बैंक की चल संपत्ति कुर्क करते हुए शाखा को सील कर दिया। इस सख्त कार्रवाई के बाद बैंक ने शिवानी गुप्ता के घर जाकर उन्हें प्रॉपर्टी कागज लौटाए और ऋण को शून्य कर नो ड्यूज सर्टिफिकेट भी जारी किया।

