त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में पैसे का हो रहा जमकर खेल

जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख बनने में उड़ रहे करोड़ों

आयकर विभाग करे जांच

करोड़ों खर्च कर सत्ता पाने के बाद होती है विकास योजनाओं में लूटखसोट

अविकल उत्तराखंड

विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख बनने के लिए नेता करोड़ों रुपये खर्च कर रहे हैं। ऐसे में आयकर विभाग की जिम्मेदारी बनती है कि वह इन प्रत्याशियों पर कड़ी निगरानी रखे और कार्रवाई करे।

रविवार को पत्रकार वार्ता में नेगी ने कहा कि एक जिला पंचायत अध्यक्ष बनने में 10 से 20 करोड़ और ब्लॉक प्रमुख बनने में 5 से 7 करोड़ रुपये तक खर्च हो जाते हैं। सवाल यह है कि इन नेताओं के पास इतना पैसा आ कहां से रहा है और किसे लूटकर यह काला धन इकट्ठा किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि आयकर विभाग सिर्फ व्यापारियों और उद्योगपतियों पर शिकंजा कसता है, जबकि इन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने से डरता है।

नेगी ने कहा कि चुनाव जीतने के बाद यही नेता विकास योजनाओं में लूटखसोट शुरू कर देते हैं। कई योजनाओं का पैसा निकालने के बाद भी काम जमीन पर नहीं दिखता। सरकार को चाहिए कि निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्षों और ब्लॉक प्रमुखों के कार्यकालों की जांच कराए और पता लगाए कि करोड़ों रुपये की योजनाएं आखिर कागज़ों तक ही क्यों सीमित रहीं।

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के लिए यह स्थिति बेहद खतरनाक है और ऐसे भ्रष्ट नेताओं को सलाखों के पीछे होना चाहिए। पत्रकार वार्ता में विजयराम शर्मा, दिलबाग सिंह और प्रमोद शर्मा भी मौजूद रहे।

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