हेमवती नंदन बहुगुणा को भारत रत्न देने की उठी मांग

धर्मनिरपेक्षता के प्रतीक नेता स्व. बहुगुणा को सर्वोच्च सम्मान देने की अपील

अविकल उत्तराखंड 

देहरादून। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, पूर्व केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा को भारत रत्न देने की मांग केंद्र सरकार से की है।
यह मांग बहुगुणा की 106वीं जयंती के अवसर पर कांग्रेस मुख्यालय देहरादून में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में की गई।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि पौड़ी गढ़वाल के बुगानी गांव में जन्मे बहुगुणा ने विषम परिस्थितियों में शिक्षा प्राप्त की और इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र राजनीति के माध्यम से स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ गए। उनकी सक्रियता से घबराकर ब्रिटिश सरकार ने उनके सिर पर 10 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया था, लेकिन उन्होंने कभी माफी नहीं मांगी।

आजादी के बाद वे उत्तर प्रदेश विधानसभा से चुने गए और आगे चलकर मुख्यमंत्री बने। इसके बाद वे केंद्र सरकार में पेट्रोलियम और वित्त मंत्री भी रहे। सिद्धांतों की राजनीति करने वाले बहुगुणा ने जब-जब मतभेद हुए, उन्होंने पद त्यागने से संकोच नहीं किया। जीवनभर वे सांप्रदायिक सौहार्द और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के लिए समर्पित रहे।
धस्माना ने कहा कि प्रख्यात पत्रकार खुशवंत सिंह ने उनकी मृत्यु पर लिखा था कि “देश ने गांधी और नेहरू के बाद सबसे बड़ा धर्मनिरपेक्ष नेता खो दिया।”

कांग्रेस नेताओं ने अर्पित की श्रद्धांजलि

कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस महामंत्री जगदीश धीमान, प्रवक्ता डॉ. प्रतिमा सिंह, श्रम प्रकोष्ठ अध्यक्ष दिनेश कौशल, महानगर उपाध्यक्ष आनंद सिंह पुंडीर, पार्षद अर्जुन सोनकर, सोम प्रकाश वाल्मीकि, प्रकाश नेगी, राजेश पुंडीर, प्रमोद गुप्ता, राम गोपाल वर्मा, पूनम कंडारी, अनुज दत्त शर्मा, चंद्रपाल, कौशल्या, किशोर उनियाल, अर्जुन शर्मा और संदीप धूलिया सहित कई कांग्रेसजनों ने बहुगुणा के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला और श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

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