सही फर्स्ट एड से बच सकती हैं कई जानें- अंसारी
यूएसडीएम के सीईओ ने किया शिविर का शुभारंभ
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी की ओर से आपदा प्रबंधन और फर्स्ट एड पर चार दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ मंगलवार को भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के कार्यालय में हुआ। प्रशिक्षण शिविर में उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के विभिन्न जनपदों से आए मास्टर ट्रेनरों के अलावा अग्निशमन विभाग के 24 फायर कार्मिक हिस्सा ले रहे हैं। मंगलवार को शुरू हुए प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो ओबैदुल्लाह अंसारी ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा के समय जो लोग फ्रंट लाइन में काम करते हैं, उनकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है और यदि समय पर आपदा प्रभावितों को सही फर्स्ट एड उपचार मिल जाए तो कई कीमती जिंदगियों को बचाया जा सकता है। इस दिशा में यह ट्रेनिंग प्रोग्राम बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा।
उन्होंने कहा कि फर्स्ट एड का प्रशिक्षण सभी के लिए बहुत जरूरी है। स्कूली बच्चों से लेकर दूर दराज के क्षेत्र में आम लोगों को भी फर्स्ट एड ट्रीटमेंट की जानकारी होनी चाहिए, क्योंकि अगर लोगों को प्रथम उपचार की जानकारी रहेगी तो किसी भी संकट के समय या किसी भी आपदा के समय वे लोग अपने इस हुनर का इस्तेमाल कर लोगों की जान बचा सकते हैं। उन्होंने युवक मंगल दल और युवती मंगल दलों को भी इस प्रशिक्षण शिविर का हिस्सा बनाकर गांव-गांव तक फर्स्ट एड वॉरियर्स की एक बेहद प्रशिक्षित टीम खड़ी करने की भी बात कही। उन्होंने आपदा के समय लोगों की सेवा करने को लेकर भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की और उम्मीद जताई कि आपदा प्रबंधन विभाग और भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी संयुक्त रूप से इस दिशा में कार्य करेंगे।
इस मौके पर भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी उत्तराखंड ब्रांच के अध्यक्ष कुंदन सिंह टोलिया ने सभी प्रतिभागियों को भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के उद्देश्यों के बारे में अवगत कराते हुए कहा कि सभी का एक ही ध्येय होना चाहिए और वह है मानव जाति की सेवा। उन्होंने कहा कि फर्स्ट एड की सही जानकारी होना बहुत जरूरी है और इस दिशा में यह प्रशिक्षण शिविर मील का पत्थर साबित होगा। फर्स्ट एड के विशेषज्ञ डॉ. अनिल सैनी ने फस्र्ट एड की सही तकनीक से रूबरू कराया और बताया कि विभिन्न प्रकार की आपदाओं के समय या किसी दुर्घटना के समय जिंदगी और मौत से जूझ रहे व्यक्ति को किस तरीके से प्रथम उपचार देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि फर्स्ट एड की सही जानकारी नहीं होने के कारण भी कई लोगों की जान चली जाती है। एक्सपर्ट शबाना अंजुम और हरीश शर्मा ने फर्स्ट एड ट्रीटमेंट के दौरान सीपीआर की सही तकनीक के बारे में प्रतिभागियों को रूबरू कराया। उन्होंने विभिन्न घायल अवस्थाओं के व्यक्तियों को दी जाने वाली विभिन्न प्राथमिक सहायताओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से भारत में हार्ट अटैक के मामलों में वृद्धि हो रही है, इसके लिए सीपीआर की सही तकनीक को जानना फर्स्ट एड प्रदाता के लिए बहुत जरूरी है और उन्होंने भी फर्स्ट एड वॉरियर्स की एक टीम हर स्तर पर खड़ी किए जाने की वकालत की। इस मौके पर यूएसडीएमए की प्रशिक्षण विशेषज्ञ जेसिका टैरोन, आईआरएस विशेषज्ञ वेदिका पंत, मुंशी चैमवाल, राजवीर सिंह, जगमोहन सिंह, शिवानी रावत, रश्मि रतूड़ी, मीनाक्षी रावत, प्रगति जुयाल, मनीषा बिष्ट आदि मौजूद थे।
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