अविकल उत्तराखंड/ गोपेश्वर। गंगोत्री कौशल विकास एवं उत्थान समिति द्वारा जड़ी-बूटी शोध संस्थान, मंडल में जड़ी-बूटी के कृषिकरण संबंधित दो दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।
नंदादेवी बायोस्फियर रिजर्व के सहयोग से केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग अन्तर्गत यह प्रशिक्षण शिविर चलाया गया।
कैट प्लान के अंतर्गत डुमक, कलगोट, रांशी, गोंडार, बुरुवा, गोपेश्वर, कुंज मैकोट, ऊखीमठ आदि उन्नीस ग्रामों के कास्तकारों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। सभी किसानों को जड़ी बूटी शोध संस्थान, मंडल गोपेश्वर के विशेषज्ञों द्वारा जड़ी बूटियों संबंधी प्रशिक्षण दिया गया।
विशेषज्ञ डॉक्टर सी. पी. कुनियाल द्वारा जड़ी बूटी के कृषिकरण, कृषक पंजीकरण और रवन्ना के बारे में जानकारी दी गई। प्रभागीय वनाधिकारी इंद्र सिंह नेगी द्वारा जंगल से विलुप्त हर्बल पौध को कास्तकारों को कृषिकरण के जरिए आगे बढ़ाने के साथ-साथ आयआर्जक गतिविधियों से जोड़ने की जानकारी दी गई। फील्ड विजिट, पौधशाला का भ्रमण खुशहाल सिंह नेगी ने करवाया। उत्पाद विकास की जानकारी डॉक्टर अरविंद भंडारी ने दी। हरबेरियम, लेबोरेट्री और म्यूजियम का भ्रमण भी डॉक्टर भंडारी ने करवाया। तत्पश्चात कास्तकारों से चर्चा परिचर्चा में उनके द्वारा शंकाओं का निवारण किया गया।
प्रशिक्षण सत्र के अंत में कास्तकारों को प्रमाणपत्र दिये गये व उनकी मांग अनुसार नि:शुल्क विभिन्न प्रकार की जड़ी बूटियों की पौध का वितरण भी किया गया। प्रतिभागी कास्तकारों द्वारा रुचिपूर्वक व उत्सुकता से प्रशिक्षण में प्रतिभाग किया गया।
उक्त प्रशिक्षण में सहयोगी संस्था की ओर से अध्यक्ष रमेश खत्री, डिप्टी रेंजर डी.बी.एस.खाती, वन बीट अधिकारी विक्रम सिंह राणा, आशीष सिंह, बाबी, सुश्री सुधा आदि भी उपस्थित रहे।
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