सतपुली कालेज का खैरासैण स्थानांतरण बना छात्रों की मुसीबत

छात्र संख्या में आई भारी गिरावट, पेयजल तक नहीं उपलब्ध

अविकल उत्तराखंड

सतपुली। राजकीय महाविद्यालय सतपुली को खैरासैण स्थानांतरित किए जाने के बाद छात्र-छात्राओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। महाविद्यालय के नवनिर्मित भवन में परीक्षाएं तो शुरू हो गई हैं, लेकिन परिवहन सुविधा के अभाव में छात्र काफी परेशान हैं। इस स्थानांतरण से कॉलेज की छात्र संख्या में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है।

कॉलेज प्राचार्य डॉ. संजय कुमार के अनुसार, स्थानांतरण से पहले जहां छात्र संख्या 381 थी, वहीं अब यह घटकर 215 रह गई है। उन्होंने बताया कि छात्रों को पीने के पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं तक के लिए जूझना पड़ रहा है। परीक्षा विभाग के कर्मचारी अपने संसाधनों से पानी की व्यवस्था कर रहे हैं।

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कॉंग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष (संगठन व प्रशासन) सूर्यकांत धस्माना ने खैरासैण में कॉलेज स्थानांतरण को छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने नेताओं को खुश करने के लिए महाविद्यालय को गांव भेज दिया, जिससे छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने में भारी परेशानी हो रही है।

उन्होंने यह भी कहा कि सतपुली में स्थित उच्चतर माध्यमिक कन्या विद्यालय का भवन खाली पड़ा है, जिसे इंटर कॉलेज के साथ मर्ज कर दिया गया है, जबकि उसी भवन में कॉलेज को सुचारू रूप से चलाया जा सकता था। धस्माना ने इस कदम को भाजपा सरकार की विफलता करार दिया।

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