हिमालय संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयासों पर दिया जोर
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) द्वारा आज सुशीला इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में हिमालय दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में यूकॉस्ट के वैज्ञानिक डॉ. भवतोष शर्मा ने बताया कि महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत के मार्गदर्शन में 2 सितम्बर से हिमालय सप्ताह की शुरुआत की गई है, जिसके अंतर्गत विभिन्न शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थी, शिक्षक और आमजन को जोड़ते हुए हिमालय संरक्षण के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने जंगल की आग रोकने, इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने, प्लास्टिक का कम प्रयोग करने, जल संसाधनों का संरक्षण, परंपरागत खेती अपनाने और ऊर्जा बचत जैसे उपायों को जरूरी बताया।

पर्यावरणविद् द्वारिका प्रसाद सेमवाल, संस्थापक अध्यक्ष, हिमालय पर्यावरण जड़ी-बूटी एग्रो संस्थान (जाड़ी) उत्तरकाशी ने मुख्य वक्ता के रूप में हिमालय की विरासत और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण पर जोर देते हुए “बीज बम अभियान”, “कल के लिए जल” और “गढ़भोज कार्यक्रम” जैसी पहलों की जानकारी दी।
कार्यक्रम में डॉ. मंजू सुंदरियाल (वैज्ञानिक, यूकॉस्ट) ने हिमालयी जैव विविधता, औषधीय एवं सुगंधित पौधों के महत्व और संरक्षण पर विस्तार से बताया। वहीं, सुशीला इंस्टीट्यूट की प्राचार्य डॉ. ज्योति पंत जुयाल ने विद्यार्थियों से पर्यावरण अनुकूल व्यवहार अपनाने का आह्वान किया।
अंत में कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ. गीतांजलि ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया और विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सक्रिय रहने का संदेश दिया।
इस अवसर पर संस्थान के आशीष और नरेंद्र जस्सल ने सक्रिय सहयोग दिया। कार्यक्रम में शिक्षकों और विद्यार्थियों सहित 125 से अधिक लोग उपस्थित रहे।

