गंगा मैती परिवार संस्था ने दिया स्वास्थ्य व पर्यावरण संरक्षण का संदेश
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। यूकॉस्ट द्वारा 12 से 14 नवम्बर 2025 तक आयोजित 6वें अंतरराष्ट्रीय विज्ञान मेले में लगाया गया निःशुल्क आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा शिविर मेले का मुख्य आकर्षण रहा।
गंगा मैती परिवार संस्था द्वारा लगाए गए शिविर में स्वास्थ्य जागरूकता, गंगा संरक्षण, प्लास्टिक मुक्त जीवन तथा तांबा-पीतल-मिट्टी के बर्तनों के उपयोग के लाभों पर विशेष जानकारी दी गई।
शिविर का उद्घाटन यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने किया। उन्होंने एक्यूप्रेशर चिकित्सा का अनुभव प्राप्त किया और पारंपरिक धातु एवं मिट्टी के बर्तनों की उपयोगिता पर वैज्ञानिक दृष्टि से विचार व्यक्त किए।
मेले में विभिन्न स्कूलों व संस्थानों से लगभग 500 विद्यार्थी और नागरिक उपस्थित रहे।
करीब 30 वर्ष से निःशुल्क सेवा दे रहीं डॉ. दीपा मोठघरे ने उच्च रक्तचाप, शुगर, थायराइड, हड्डी रोग और स्त्री-पुरुष बांझपन जैसे रोगों पर जागरूकता प्रदान की। शिविर में आए 60–70 लोगों का सर्वाइकल, कमर तथा घुटना दर्द का एक्यूप्रेशर द्वारा उपचार किया गया, जिससे उन्हें तत्काल राहत मिली।
वरिष्ठ थैरेपिस्ट देव पाल और महेश नोटियाल ने शिविर को सफल बनाने में महत्वपूर्ण सहयोग दिया।
संस्था के अध्यक्ष आर.डी. चमोली ने गंगा को स्वच्छ रखने, प्लास्टिक के उपयोग को कम करने और पारंपरिक धातु बर्तनों के स्वास्थ्य लाभों पर बच्चों और नागरिकों को जागरूक किया।
नीति आयोग के कल्याण अधिकारी टी.वी. सिंह, जो लंबे समय से एक्यूप्रेशर शिविरों और पर्यावरण संरक्षण गतिविधियों से जुड़े हैं, की भूमिका आयोजन में विशेष रूप से सराहनीय रही।
यूकॉस्ट के जनसंपर्क प्रबंधक अमित पोखरियाल और डॉ. पियूष गोयल ने शिविर में पहुंचकर आयोजकों का उत्साह बढ़ाया और आश्वस्त किया कि भविष्य में भी इस चिकित्सा पद्धति को प्राथमिकता दी जाएगी।
विज्ञान केंद्र तथा अन्य संस्थानों के अधिकारियों-कर्मचारियों ने भी शिविर को पुनः आयोजित करने की मांग की।

