आरटीआई एक्टिविस्ट व अधिवक्ता विकेश के जिला बदर पर उक्रांद भड़का

उक्रांद ने विकेश नेगी के जिला बदर का फैसला वापस लेने की मांग की

डीएम को सौंपे ज्ञापन में मुकदमे वापस लेने की मांग

अविकल उत्तराखंड

देहरादून। उत्तराखण्ड क्रांति दल ने अधिवक्ता व आरटीआई एक्टिविस्ट विकेश नेगी को गुंडा एक्ट के तहत जिला बदर करने की कार्रवाई का विरोध किया है।

उक्रांद के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन डीएम सोनिका को सौंपा। ज्ञापन में विकेश नेगी पर लगे मुकदमे वापस लेने की मांग की गई।

गौरतलब है कि गुरुवार को पुलिस-प्रशासन ने विकेश नेगी को गुंडा एक्ट के तहत जिला बदर कर दिया था।

ज्ञापन में कहा गया कि आरटीआई एक्टीविस्ट विकेश नेगी लगातार सरकार के विभागों, मंत्रियों, मेयर से लेकर सभासदों के घोटालों को उजागर कर रहे है। लेकिन सरकार भ्रष्टाचार के मामलों के उजागर होने से चेतने के बजाय विकेश नेगी के ऊपर कूटरचित गैर कानूनी कार्यवाही कर रही है और उनकों जिला बदर तक किया जा रहा है।

उक्रांद ने कहा कि बड़े लोगों के इशारे पर विकेश नेगी के खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज कर जिला बदर कर दिया गया है।

ज्ञापन में कहा गया है कि एडवोकेट विकेश नेगी ने लोक सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जमीन घोटाले, मंत्रियों, मेयर से लेकर पार्षदों तक की गड़बड़ी व अन्य मामले उजागर किये। लेकिन सरकार द्वारा भ्रष्टाचारियों के पर कार्यवाही के बजाय विकेश नेगी को जिला बदर कर दिया गया है। जो निंदनीय है ।

केन्द्रीय महामंत्री व कार्यालय प्रभारी मनोरथ प्रसाद ध्यानी ने कहा कि पिछले दिनों काशीपुर के एक युवा पर मजाकिया मीम बनाने पर राजद्रोह के अतिरिक्त कई अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसका सपरिवार उत्पीडन किया जा रहा है। साथ हीं अंकिता भण्डारी मामले में पैरवी करने वाले आशुतोष नेगी का भी दर्जनों फर्जी मुकदमे लगा दिए।

युवाओं और बेरोजगारों की जंग लड़ने वाले बॉबी पंवार व आशीष नेगी पर भी फर्जी मुकदमे दर्ज कर आवाज दबाई जा रही है।

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