पशुपालन मंत्री ने मुख्य सचिव और विभागीय सचिव को लिखा पत्र
प्र्रमुख सचिव आनंद बर्धन भी कर रहे हैं मामले की जांच। भेड़ एवं उन विकास बोर्ड में घपलों की जांच एसआईटी को, सीईओ की संपत्ति की भी होगी जांच
पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी आरोप के बाद भेड़ एवम ऊन विकास बोर्ड में घपले की जांच के आदेश सीएम त्रिवेंद्र पहले ही दे चुके हैं। आईएएस अधिकारी मनीषा पंवार व भूपेश तिवारी को जांच सौंपी गई थी। बाद में आईएएस आनन्द वर्धन को जांच दी गयी।केंद्रीय पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह के एक पत्र के बाद मंत्री रेखा आर्य ने एसआईटी जांच के आदेश दिए हैं। भेड़ एवम ऊन विकास बोर्ड के सीईओ डॉ अविनाश आनन्द आरोपों को नकारते रहे हैं। दिसम्बर के अंत में गौरी मौलेखी ने लिखित तौर पर सीईओ पर गड़बड़ी के कई आरोप लगाए थे। इस मुद्दे को सबसे पहले अविकल उत्त्तराखण्ड न्यूज पोर्टल ने उठाया था।
अविकल उत्तराखंड
देहरादून। पशुपालन मंत्री रेखा आर्य ने उत्तराखंड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड में घपलों की जांच एसआईटी से कराने के आदेश दिए हैं। मुख्य सचिव और विभागीय सचिव को लिखे पत्र में मंत्री ने बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की संपत्ति की जांच के भी आदेश दिए हैं।
बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. अविनाश आनंद पर आरोप है कि उत्तराखंड में रैमभूले नस्ल की भेड़ होने के बावजून बिना वैज्ञानिक शोध के आस्ट्रेलिया से मरीनों भेड़ का आयात किया गया। यही नहीं, भेड़ों के लिए खरीदे गए चारे में भी भारी गोलमाल किया गया। डा. आनंद पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का भी आरोप है। केंद्रीय पशुपालन मंत्री गिरीराज सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने मामला संज्ञान में आने पर उत्तराखंड सरकार को पत्र लिखकर बोर्ड में घपलों की जांच कराने को कहा था। जिस पर सरकार ने प्रमुख सचिव आनंद बर्धन को मामले की जांच सौंपी थी।
अब पशुपालन मंत्री रेखा आर्य ने मुख्य सचिव ओमप्रकाश और विभागीय सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम को पत्र लिखकर सीईओ डा. अविनाश आनंद पर लगे आरोपों की तत्काल एसआईटी से जांच कराने के निर्देश दिए हैं।
भेड़ ऊन विकास बोर्ड के घपले पर रपट,कब क्या हुआ,plss clik
मेनका ने कहा,तीन हजार करोड़ का घोटाला और भेड़-ऊन बोर्ड को मिले सिर्फ 25 करोड़.सीएम ने बैठायी जांच
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